क्या सत्य है ?
जन्म हुआ है तो मरण भी होगा,
कौन ध्यान इसपर है देगा ?
क्या सत्य और क्या झूठ है,
जग मे हुई क्या भूल है ?
अपने को कौन निहारता ?
औरों को जाने ये बहुत दूर है,
चकाचौंध है जग की माया,
लीला ईश्वर की अद्भुत और मौन है,
शांति जीवन में पा लेना मुक्ति है,
व्यर्थ जीना और कहाँ विरक्ति है,
ध्यान लगाओ आध्यात्म भी सत्य है,
समय का चक्र गुजरता हर क्षण है,
थोड़ा-सा ध्यान ज्ञान में शामिल कर,
सत्य किधर है खोज कर अमल कर।
रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश
मौदहा हमीरपुर।