Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jan 2024 · 3 min read

‘सलाह’ किसकी मानें और कितनी मानें (सर्वाधिकार सुरक्षित)

सलाह एक अत्यंत महत्वपूर्ण एवं सकारात्मक अभिव्यक्ति है । किसी समस्या से त्रस्त व्यक्ति को सही समय पर सही सलाह मिल जाये तो निश्चित ही वह मानसिक परेशानियों एवं समस्याओं से सहज ही बाहर आ सकता है । अच्छी या बुरी ‘सलाह’ किसी भी व्यक्ति के जीवन में आमूल-चूल परिवर्तन ला सकती है । परन्तु प्रश्न यह है कि सलाह किससे ली जाये ?

हमारे आस-पास अनेकानेक लोग हैं जिनमें हमारे सगे-संबंधी तो कुछ इष्ट-मित्र हैं जो हमसे जुड़े हुए हैं और हमारे जीवन में एक विशेष भूमिका निभाते हैं । ये सभी व्यक्ति अपने-अपने मानसिक स्तर या आप पर अपना प्रभाव जमाने अथवा स्वयं को बहुत ज्ञानी व अनुभवी सिद्ध करने के लिए अपनी-अपनी सलाह देते हैं ।

कई बार देखने में आता है कि लोग स्वयं की ईगो को संतुष्ट करने के लिए हम पर अपनी सलाह मानने का दवाब भी बनाते हैं । ऐसे में बेचारा परेशान व्यक्ति धर्म संकट में पड़ जाता है । वास्तविक समस्या तो तब आती है जब किसी की बेमतलब की अर्थहीन सलाह को भी मानना पड़े क्योंकि यदि सलाह नहीं मानी तो सलाहकार के नाराज़ होने और उनसे संबंध बिगड़ने का भय भी रहता है । कई लोग बिना माँगे भी सलाह देते हैं और आशा करते हैं की उनकी बात मानी जाये ।

वास्तव में सलाह क्या है और इसके औचित्य की पहचान कैसे की जाये ? किसे माना जाये और किसे नकार दिया जाये ?
अनुभवी विद्वान कहते हैं कि वे सलाह जो कुछ समय के लिए परेशान करे, कठिन लगे परन्तु उन सामयिक समस्याओं को झेलने के बाद जीवन में एक स्थायी सकारात्मक परिवर्तन ला सकने में सक्षम हो वही सलाह उचित सलाह है ।

ईश्वर ने प्रत्येक मनुष्य में नेगेटिव और पोज़ीटिव दोनों ही प्रकार की वायरिंग की है या यूँ भी कह सकते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति में सुर देवता अथवा असुर दोनों ही प्रकार की प्रवृत्तियाँ हैं जो समय-समय पर उभरकर सामने आती हैं । एक व्यक्ति एक विषय पर स्वयं के अनुभव के आधार पर सलाह दे, ये तो संभव है परन्तु व्यक्ति हर विषय पर सही सलाह दे सके ये ज़रा मुश्किल है ।

प्रत्येक व्यक्ति अपनी जीवन की परिस्थितियों के आधार पर कभी खुश तो कभी दुखी अथवा दोनों के प्रभाव से प्रभावित रहता है । अत: किसी भी व्यक्ति द्वारा दी गई सलाह को अपने विवेक की कसौटी पर कसना आवश्यक है । लोगों की सलाह वहाँ तक माननी चाहिए जहाँ तक हमें ठीक लगे किसी की नाराजगी से बचने के लिए या किसी को खुश करने के लिए मानी गई सलाह अंत में दुःख और पछतावा ही देती है । तो क्या किया जाये कि किसी की सलाह नकारने पर उसे बुरा भी न लगे और हमारे संबंध भी अच्छे बने रहें ?

इसका एक उपाय है किसी की सलाह अपने अनुकूल न लगने पर उसे अति-विनम्रता से मना कर दिया जाये । इस प्रकार सलाहकार को बुरा भी नहीं लगेगा और आपका काम बन जाएगा । वहीं यदि आपने सलाहकार की उपेक्षा की या उसे अनुभवहीन, मुर्ख समझने की कोशिश की तो निश्चित ही संबंध बिगड़ते देर नहीं लगेगी ।

अत: किसी की सलाह को मानने से पूर्व पूरी-पूरी सावधानी रखनी चाहिए । किसकी,कितनी सलाह माननी है उसे अपने विचार व विवेक से समझ लेना चाहिए । इससे पछताना नहीं पड़ता और समस्या का समाधान भी आसानी से हो जाता है ।

Language: Hindi
1 Like · 76 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ఇదే నా భారత దేశం.
ఇదే నా భారత దేశం.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
प्रथम शैलपुत्री
प्रथम शैलपुत्री
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
यही जीवन है
यही जीवन है
Otteri Selvakumar
■ आज का शेर...
■ आज का शेर...
*Author प्रणय प्रभात*
शीर्षक - खामोशी
शीर्षक - खामोशी
Neeraj Agarwal
तालाश
तालाश
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
3013.*पूर्णिका*
3013.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-496💐
💐प्रेम कौतुक-496💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कौन?
कौन?
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
बढ़कर बाणों से हुई , मृगनयनी की मार(कुंडलिया)
बढ़कर बाणों से हुई , मृगनयनी की मार(कुंडलिया)
Ravi Prakash
*मन का मीत छले*
*मन का मीत छले*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गौतम बुद्ध रूप में इंसान ।
गौतम बुद्ध रूप में इंसान ।
Buddha Prakash
अपना चेहरा
अपना चेहरा
Dr fauzia Naseem shad
*इश्क़ न हो किसी को*
*इश्क़ न हो किसी को*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"बहुत है"
Dr. Kishan tandon kranti
बिना बकरे वाली ईद आप सबको मुबारक़ हो।
बिना बकरे वाली ईद आप सबको मुबारक़ हो।
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
Pramila sultan
कोई नहीं देता...
कोई नहीं देता...
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
एहसास.....
एहसास.....
Harminder Kaur
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
VEDANTA PATEL
उस
उस"कृष्ण" को आवाज देने की ईक्षा होती है
Atul "Krishn"
Charlie Chaplin truly said:
Charlie Chaplin truly said:
Vansh Agarwal
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
कवि दीपक बवेजा
कृष्ण सा हैं प्रेम मेरा
कृष्ण सा हैं प्रेम मेरा
The_dk_poetry
प्रेम ईश्वर प्रेम अल्लाह
प्रेम ईश्वर प्रेम अल्लाह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आपके द्वारा हुई पिछली गलतियों को वर्तमान में ना दोहराना ही,
आपके द्वारा हुई पिछली गलतियों को वर्तमान में ना दोहराना ही,
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
“मैं सब कुछ सुनकर भी
“मैं सब कुछ सुनकर भी
दुष्यन्त 'बाबा'
अकेला हूँ ?
अकेला हूँ ?
Surya Barman
सच का सच
सच का सच
डॉ० रोहित कौशिक
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
कवि रमेशराज
Loading...