Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2024 · 1 min read

– बाप और बेटी का रिश्ता फूल और माली सा है –

– बाप और बेटी का रिश्ता फूल ओर माली सा है –
पढ़ लिखकर मेरी लाडली बिटिया,
बन जाए एक दिन आत्म निर्भर,
न हो उसे कोई बात की चिंता,
न वो दुख झेले दुनिया के,
न उसके जीवन में कोई पीड़ा हो,
न आए कभी भी उसके जीवन में कोई भी व्यवधान,
काबिल बनाकर अपनी परी को,
वो दूजे के हाथ में उसका हाथ देता,
बाजार के भंवरो की नजरो से सदा बचाकर रखता,
बाप और बेटी का रिश्ता है कुछ इस प्रकार से,
जैसे माली का फूलों से है रिश्ता,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184

Language: Hindi
15 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पारिजात छंद
पारिजात छंद
Neelam Sharma
युद्ध के स्याह पक्ष
युद्ध के स्याह पक्ष
Aman Kumar Holy
तीन मुट्ठी तन्दुल
तीन मुट्ठी तन्दुल
कार्तिक नितिन शर्मा
!! पुलिस अर्थात रक्षक !!
!! पुलिस अर्थात रक्षक !!
Akash Yadav
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
संकल्प
संकल्प
Vedha Singh
हां....वो बदल गया
हां....वो बदल गया
Neeraj Agarwal
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
Suryakant Dwivedi
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"बेज़ारी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मुस्कुरा ना सका आखिरी लम्हों में
मुस्कुरा ना सका आखिरी लम्हों में
Kunal Prashant
हम लिखते हैं
हम लिखते हैं
Dr. Kishan tandon kranti
एक मैं हूँ, जो प्रेम-वियोग में टूट चुका हूँ 💔
एक मैं हूँ, जो प्रेम-वियोग में टूट चुका हूँ 💔
The_dk_poetry
सुकून ए दिल का वह मंज़र नहीं होने देते। जिसकी ख्वाहिश है, मयस्सर नहीं होने देते।।
सुकून ए दिल का वह मंज़र नहीं होने देते। जिसकी ख्वाहिश है, मयस्सर नहीं होने देते।।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"देश भक्ति गीत"
Slok maurya "umang"
प्रेम और आदर
प्रेम और आदर
ओंकार मिश्र
2845.*पूर्णिका*
2845.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सच का सच
सच का सच
डॉ० रोहित कौशिक
सकारात्मक पुष्टि
सकारात्मक पुष्टि
पूर्वार्थ
नन्ही भिखारन!
नन्ही भिखारन!
कविता झा ‘गीत’
श्रीमान - श्रीमती
श्रीमान - श्रीमती
Kanchan Khanna
बोला नदिया से उदधि, देखो मेरी शान (कुंडलिया)*
बोला नदिया से उदधि, देखो मेरी शान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दूर तक आ गए मुश्किल लग रही है वापसी
दूर तक आ गए मुश्किल लग रही है वापसी
गुप्तरत्न
शोर से मौन को
शोर से मौन को
Dr fauzia Naseem shad
मैं फक्र से कहती हू
मैं फक्र से कहती हू
Naushaba Suriya
भरी आँखे हमारी दर्द सारे कह रही हैं।
भरी आँखे हमारी दर्द सारे कह रही हैं।
शिल्पी सिंह बघेल
दिल का मौसम सादा है
दिल का मौसम सादा है
Shweta Soni
फिर कभी तुमको बुलाऊं
फिर कभी तुमको बुलाऊं
Shivkumar Bilagrami
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
ruby kumari
जोमाटो वाले अंकल
जोमाटो वाले अंकल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...