क्या फायदा
क्या फायदा उस फिक्र का , जो कभी जताई ही नहीं।
कैसी ये माहोब्बत , जो कभी बताई ही नही।
तेरी सांस का हर कतरा ,सम्हाल कर रखा है।
मिलना कभी फुर्सत मिले तो, तेरा हर एक लम्हा सम्हाल कर रखा है।
क्या फायदा उस फिक्र का , जो कभी जताई ही नहीं।
कैसी ये माहोब्बत , जो कभी बताई ही नही।
तेरी सांस का हर कतरा ,सम्हाल कर रखा है।
मिलना कभी फुर्सत मिले तो, तेरा हर एक लम्हा सम्हाल कर रखा है।