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1 Apr 2018 · 1 min read

क्या करू इस रात का –रस्तोगी

क्या करू इस रात का,जब तू नहीं मेरे पास है
दिन तो कट जाएगा,रात तो अब बेकरार है

बहुत तडफाया है तुमने,ओर क्यों तड़फाते हो
आ जाओ मेरे प्रियतम,जिया अब बेकरार है

दिन छिप चूका है,रात भी अब होने वाली है
आ जाओ मेरे बालमा.बस तेरा ही इन्तजार है

क्या करू इस दौलत का और एशो इशरत का
जब तू नहीं मेरे पास,ये सब कुछ बेकार है

बहुत कोशिश की इस दिल को समझाने की
क्या करोगे मेरा दिल लेकर जब ये बीमार है

रस्तोगी क्या करे जब वक्त करता है सितमब
सब ठीक चल रहा था पर ये वक्त गुनाहगार है

आर के रस्तोगी
मो 9971006425

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