✍️सोच तिलिस्मी तालों में बंद है…
क्या असर होगा नस्लो पर सिर्फ मुर्दा ज़िस्म आझाद है
और आपका दिल दिमाग दखियानुसी रिवाज़ो में क़ैद है
दुनियां आसमाँ के चाँद सितारे छूने की होड़ में लगी है
मगर कुछ जाहिल ज़ेहनी सोच तिलिस्मी तालों में बंद है
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©✍️’अशांत’ शेखर
01/11/2022