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11 Aug 2023 · 1 min read

कभी थोड़ा सा आंख लगने पर भी उसकी तस्वीरें छा जाती थी,

कभी थोड़ा सा आंख लगने पर भी उसकी तस्वीरें छा जाती थी,
चलते फिरते घूमते वक्त भी उसकी यादें आ जाती थी।
हौसले बुलंद रहते थे तकदीरे लंबी दिखती थी।।
पर अब ना उसकी यादें आती है, ना तस्वीरें,
पूरी रात चैन से सोता हूं, पर कहीं नजर नहीं आती है तकदीरें।

@जय लगन कुमार हैप्पी
बेतिया, बिहार।

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