लड़का हो या लड़की ये दोनो एक किताब की तरह है ये अपने जीवन का
लड़का हो या लड़की ये दोनो एक किताब की तरह है ये अपने जीवन काल मै जिन जिन नजरो से होकर गुजरते है वो नजरे अपने अपने विवेक और बुद्धिमत्ता के हिसाब से उनकी समीक्षा लिख देते है
लड़का हो या लड़की ये दोनो एक किताब की तरह है ये अपने जीवन काल मै जिन जिन नजरो से होकर गुजरते है वो नजरे अपने अपने विवेक और बुद्धिमत्ता के हिसाब से उनकी समीक्षा लिख देते है