Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2023 · 1 min read

कौन???

दिल टूटा तो सबर से जोड़ा
सबर टूटे तो जोड़े कौन
अपना दिल है अपनी ख्वाहिश
अपनी खुशियाँ तोड़े कौन

मेरी ओर सुनामी दुःख की
आती है तो बह जाने दे
बहना ही ज़ब तय है तो
उसकी दिशा को मोड़े कौन

टूट के जुड़ना फिर से टुटना
ज़ब यही नसीब में लाया हूँ
हम तोड़ेंगे कहते हैं अब सब
ये भी कहते के … हथोड़े कौन?

खुद की बाँह में दर्द आह की
चाह नहीं के ठीक भी हो
अपना मन है अपनी इच्छा
खुद की बाँह मड़ोड़े कौन

सब तो मन का भरम सा लगता
भरम से जग का चलना जाहिर
भरम साथ है भले भरम है
भरम को बीच में छोड़े कौन

इल्म भले के पूर्ण न होगा
फिर भी हर पल ढोते हैं
ख्वाब की गगरी कच्ची है पर
पक्की करके फोड़े कौन
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
1 Like · 607 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुक्तक -*
मुक्तक -*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"मेरी मसरूफ़ियत
*Author प्रणय प्रभात*
तेरा फिक्र
तेरा फिक्र
Basant Bhagawan Roy
💐प्रेम कौतुक-517💐
💐प्रेम कौतुक-517💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
*मन राह निहारे हारा*
*मन राह निहारे हारा*
Poonam Matia
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
कागज़ ए जिंदगी
कागज़ ए जिंदगी
Neeraj Agarwal
स्कूल चलो
स्कूल चलो
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*तेरा इंतज़ार*
*तेरा इंतज़ार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अंगद के पैर की तरह
अंगद के पैर की तरह
Satish Srijan
शिक्षा का महत्व
शिक्षा का महत्व
Dinesh Kumar Gangwar
"तुलना"
Dr. Kishan tandon kranti
तूफान आया और
तूफान आया और
Dr Manju Saini
भीड से निकलने की
भीड से निकलने की
Harminder Kaur
मैंने तुझे आमवस के चाँद से पूर्णिमा का चाँद बनाया है।
मैंने तुझे आमवस के चाँद से पूर्णिमा का चाँद बनाया है।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
फूल बनकर खुशबू बेखेरो तो कोई बात बने
फूल बनकर खुशबू बेखेरो तो कोई बात बने
Er. Sanjay Shrivastava
23/63.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/63.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*याद आते हैं ब्लैक में टिकट मिलने के वह दिन 【 हास्य-व्यंग्य
*याद आते हैं ब्लैक में टिकट मिलने के वह दिन 【 हास्य-व्यंग्य
Ravi Prakash
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
Neelam Sharma
अच्छा रहता
अच्छा रहता
Pratibha Pandey
उस्ताद नहीं होता
उस्ताद नहीं होता
Dr fauzia Naseem shad
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
सत्य कुमार प्रेमी
धर्म, ईश्वर और पैगम्बर
धर्म, ईश्वर और पैगम्बर
Dr MusafiR BaithA
आज आचार्य विद्यासागर जी कर गए महाप्रयाण।
आज आचार्य विद्यासागर जी कर गए महाप्रयाण।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पूर्व दिशा से सूरज रोज निकलते हो
पूर्व दिशा से सूरज रोज निकलते हो
Dr Archana Gupta
चेहरे की पहचान ही व्यक्ति के लिये मायने रखती है
चेहरे की पहचान ही व्यक्ति के लिये मायने रखती है
शेखर सिंह
माँ का प्यार पाने प्रभु धरा पर आते है ?
माँ का प्यार पाने प्रभु धरा पर आते है ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सबकी जात कुजात
सबकी जात कुजात
मानक लाल मनु
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
Loading...