कौन बनेगा करोड़पति
टी वी पर आ रहा था,
कौन बनेगा करोड़पति।
बड़ी तन्मयता से देख रहे थे
पत्नी और पति।
पति ने पत्नी का ध्यान
कार्यक्रम से हटाया।
फिर बड़े प्यार से
उस यह बतलाया
‘ ज़रा सोचो अगर इसमें
मैं भी सलेक्ट हो जाता,
ना सही करोड़पति
लखपति हो ही जाता।’
पति के इस कथन पर
मानों बम फट गया।
उसके विचारों का कनेक्शन
एक पल में कट गया।
पत्नी गुर्राई, ‘ सुनो जी!
गांठ बांध लो, कान खोल कर
फिर कभी जी न जलाना
ऐसी बातें बोलकर।
मेरे बापू ने तुम्हें दहेज
यूं ही नहीं दिया,
कि मैं तुम्हारी माला जपूं
तुम बनो करोड़ों के पिया।
सारी बातें, अब मैं समझी
क्यूं ये प्रोग्राम देखते हो।
एक तो संभलती नहीं
करोड़ों का ख्वाब देखते हो।