Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2024 · 1 min read

कोहरे की घनी चादर तले, कुछ सपनों की गर्माहट है।

कोहरे की घनी चादर तले, कुछ सपनों की गर्माहट है,
ठहरी हुई इस सुबह में कहीं, फिर से हुई कुछ आहट है।
धड़कनों के धीमे शोर में, बातों की नयी सी गुनगुनाहट है,
कोरे ख्यालों की बेहोशी में, किसने कर दी ये मिलावट है।
साहिलों पर तन्हाई कहाँ है, लहरों से जो होती टकराहट है,
सीपीयां यादों की मुट्ठी में भरी हैं, फिर क्यों हो रही घबराहट है।
नए रंगों की शाम सजी है, चाहतों की बेपरवाह बुलाहट है,
इज़ाज़तों की चिठ्ठियाँ पड़ी हैं, पर नसों में बहता इश्क़ हीं रुकावट है।
उम्मीदों के उधेड़े धागों की, क्या हो सकती नयी बुनाहट है,
आँखों में उमर रहे हैं बादल या, मौसमी बरसात की खटखटाहट है।
पिघलेंगें जज्बात साँसों में, जिनपर बरसों की बर्फ़ीली जमावट है,
अंगीठियों में ख़्वाहिशें तपी हैं, होठों पर राख बनी मुस्कराहट है।
नींदें जागी हैं किस्तों में, क़दमों में ठहरी सी थकावट है,
एक साथ का ये धुंआ-धुंआ सा है, या मृगतृष्णा की दिखावट है।
ज़िन्दगी की बेबस आँधियों में, एक लिहाफ़ की फुसफुसाहट है,
एकांत कमरे की शाश्वत निःशब्दिता में, मासूमियत की हुई तुतलाहट है।

7 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

पितर
पितर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
జయ శ్రీ రామ...
జయ శ్రీ రామ...
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
#मंगलकामनाएं
#मंगलकामनाएं
*प्रणय*
पलाश के फूल
पलाश के फूल
NAVNEET SINGH
हे दिल ओ दिल, तेरी याद बहुत आती है हमको
हे दिल ओ दिल, तेरी याद बहुत आती है हमको
gurudeenverma198
बदचलन (हिंदी उपन्यास)
बदचलन (हिंदी उपन्यास)
Shwet Kumar Sinha
1. चाय
1. चाय
Rajeev Dutta
"इक अल्फ़ाज़"
Dr. Kishan tandon kranti
आकर्षण और मुसाफिर
आकर्षण और मुसाफिर
AMRESH KUMAR VERMA
कांच के जैसे टूट जाते हैं रिश्ते,
कांच के जैसे टूट जाते हैं रिश्ते,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नहीं है प्रेम जीवन में
नहीं है प्रेम जीवन में
आनंद प्रवीण
ग़ज़ल(ये शाम धूप के ढलने के बाद आई है)
ग़ज़ल(ये शाम धूप के ढलने के बाद आई है)
डॉक्टर रागिनी
ये चुनाव का माहौल है
ये चुनाव का माहौल है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
दुनिया का शोर
दुनिया का शोर
Minal Aggarwal
कविता
कविता
Bodhisatva kastooriya
चलो♥️
चलो♥️
Srishty Bansal
प्रकृति हमारा आधार
प्रकृति हमारा आधार
Sudhir srivastava
भाग्य
भाग्य
Rajesh Kumar Kaurav
बस नेक इंसान का नाम
बस नेक इंसान का नाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
Ritu Verma
दुआए
दुआए
Shutisha Rajput
पागलपन
पागलपन
भरत कुमार सोलंकी
* विजयदशमी *
* विजयदशमी *
surenderpal vaidya
कलमकार का दर्द
कलमकार का दर्द
RAMESH SHARMA
मुझे दर्द सहने की आदत हुई है।
मुझे दर्द सहने की आदत हुई है।
Taj Mohammad
2554.पूर्णिका
2554.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आखिर किसमें
आखिर किसमें "दोष" था
Anand Kumar
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अंधेरे से लड़ो मत,
अंधेरे से लड़ो मत,
नेताम आर सी
फ़ासले जब
फ़ासले जब
Dr fauzia Naseem shad
Loading...