Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2023 · 1 min read

दुनिया का शोर

तन्हा रहते रहते
खामोश रहने की
आदत पड़ गई है
बहुत भयावह लगता है
अब तो दुनिया का शोर
कोई तोहफे में मुझे देने के लिए
गुलाब का गुलदस्ता भी लाये तो
लगता है मुझे कि
वह मेरे सीने में खंजर उतार
मुझे मारने के लिए आ रहा है।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
281 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
■ बे-मन की बात।।
■ बे-मन की बात।।
*Author प्रणय प्रभात*
नवगीत - बुधनी
नवगीत - बुधनी
Mahendra Narayan
महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि
Seema gupta,Alwar
"परोपकार के काज"
Dr. Kishan tandon kranti
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
देश भक्ति का ढोंग
देश भक्ति का ढोंग
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
हो भविष्य में जो होना हो, डर की डर से क्यूं ही डरूं मैं।
हो भविष्य में जो होना हो, डर की डर से क्यूं ही डरूं मैं।
Sanjay ' शून्य'
हिन्दी दोहा बिषय-ठसक
हिन्दी दोहा बिषय-ठसक
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दिल के इक कोने में तुम्हारी यादों को महफूज रक्खा है।
दिल के इक कोने में तुम्हारी यादों को महफूज रक्खा है।
शिव प्रताप लोधी
जीवन की अभिव्यक्ति
जीवन की अभिव्यक्ति
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
🌲दिखाता हूँ मैं🌲
🌲दिखाता हूँ मैं🌲
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
" ख्वाबों का सफर "
Pushpraj Anant
चाँद
चाँद
Atul "Krishn"
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
Paras Nath Jha
अबके तीजा पोरा
अबके तीजा पोरा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
वो क्या गिरा
वो क्या गिरा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
3183.*पूर्णिका*
3183.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पिता
पिता
Harendra Kumar
✍️♥️✍️
✍️♥️✍️
Vandna thakur
मैं अगर आग में चूल्हे की यूँ जल सकती हूँ
मैं अगर आग में चूल्हे की यूँ जल सकती हूँ
Shweta Soni
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
The_dk_poetry
मां से ही तो सीखा है।
मां से ही तो सीखा है।
SATPAL CHAUHAN
आ अब लौट चले
आ अब लौट चले
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
**प्यार भरा पैगाम लिखूँ मैं **
**प्यार भरा पैगाम लिखूँ मैं **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गरीबी
गरीबी
Neeraj Agarwal
कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है,
कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है,
Manisha Manjari
मुकाम यू ही मिलते जाएंगे,
मुकाम यू ही मिलते जाएंगे,
Buddha Prakash
किरदार हो या
किरदार हो या
Mahender Singh
संक्रांति
संक्रांति
Harish Chandra Pande
दोगला चेहरा
दोगला चेहरा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...