कोहरा बहुत जरूरी(बाल कविता)
कोहरा बहुत जरूरी(बाल कविता)
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सर्दी में इस बार नहीं जब कोहरा पड़ता पाया
खुश थे गोलू – मोलू सर्दी ने जो नहीं सताया
तभी क्षेत्र में देखा गेंहूं को आँसू से रोते
पूछा इतना अच्छा मौसम भला न क्यों खुश होते ?
बोला गेहूँ हर मौसम की कुछ विशेषता पाते
नियम प्रकृति के आपस में जुड़कर ही सारे आते
मैं गेहूँ मेरा शरीर कोहरे में ही बढ़ता है
कोहरा बहुत जरूरी मेरी इस पर निर्भरता है
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451