Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2024 · 1 min read

मोबाइल की चमक से भरी रातें,

मोबाइल की चमक से भरी रातें,
इंसान की जिंदगी की, बदल गई कई सारी बातें।

स्मार्टफोन के खेल, और चैटिंग करने की होगई आदतें
रिश्ते हुए दूर, और कम होगई अपने लोगो से बाते ।

बुझ गई हँसी, चली गई सजगता,
बच्चों से बड़े तक सबने करली मोबाइल से मित्रता ।

स्पष्टता की गुहार, टाइपिंग के साथ,
भूल गए हम, थामना अपनो का हाथ।

पहले जो धुंधला सपना था जिंदगी का,
अब वही सपना है, स्क्रीन के पीछे छिपा।

सच्चाई की जगह, दिखावे की हो गई परंपरा,
सोशल मीडिया पर ही अब हैं हमारा सवेरा।

कभी कलम लिखते थे, अब उंगलियाँ टाइपिंग में उलझ पड़ी है,
इंसान कब समझेगा?अपनो के साथ वक्त बिताने की यही एक घड़ी है।

Language: Hindi
6 Likes · 10 Comments · 119 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Kanchan Alok Malu
View all
You may also like:
घर-घर तिरंगा
घर-घर तिरंगा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मैं तो महज एक नाम हूँ
मैं तो महज एक नाम हूँ
VINOD CHAUHAN
तुम अगर कांटे बोओऐ
तुम अगर कांटे बोओऐ
shabina. Naaz
आई वर्षा
आई वर्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
किया आप Tea लवर हो?
किया आप Tea लवर हो?
Urmil Suman(श्री)
मानवता का शत्रु आतंकवाद हैं
मानवता का शत्रु आतंकवाद हैं
Raju Gajbhiye
अच्छा रहता
अच्छा रहता
Pratibha Pandey
हर मंदिर में दीप जलेगा
हर मंदिर में दीप जलेगा
Ansh
शरद पूर्णिमा पर्व है,
शरद पूर्णिमा पर्व है,
Satish Srijan
ग्रंथ
ग्रंथ
Tarkeshwari 'sudhi'
2598.पूर्णिका
2598.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’
Dr MusafiR BaithA
सभी लालच लिए हँसते बुराई पर रुलाती है
सभी लालच लिए हँसते बुराई पर रुलाती है
आर.एस. 'प्रीतम'
गर भिन्नता स्वीकार ना हो
गर भिन्नता स्वीकार ना हो
AJAY AMITABH SUMAN
हां मैंने ख़ुद से दोस्ती की है
हां मैंने ख़ुद से दोस्ती की है
Sonam Puneet Dubey
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
Rj Anand Prajapati
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
Diwakar Mahto
■ क्यों ना उठे सवाल...?
■ क्यों ना उठे सवाल...?
*Author प्रणय प्रभात*
तेरी मुहब्बत से, अपना अन्तर्मन रच दूं।
तेरी मुहब्बत से, अपना अन्तर्मन रच दूं।
Anand Kumar
शिकायत नही तू शुक्रिया कर
शिकायत नही तू शुक्रिया कर
Surya Barman
मुझे किराए का ही समझो,
मुझे किराए का ही समझो,
Sanjay ' शून्य'
कभी-कभी
कभी-कभी
Sûrëkhâ
अमीरों की गलियों में
अमीरों की गलियों में
gurudeenverma198
ଷଡ ରିପୁ
ଷଡ ରିପୁ
Bidyadhar Mantry
*कौन जाने जिंदगी यह ,जीत है या हार है (हिंदी गजल)*
*कौन जाने जिंदगी यह ,जीत है या हार है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
चलो चलें दूर गगन की ओर
चलो चलें दूर गगन की ओर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Who am I?
Who am I?
R. H. SRIDEVI
हरि का घर मेरा घर है
हरि का घर मेरा घर है
Vandna thakur
खेल सारा वक्त का है _
खेल सारा वक्त का है _
Rajesh vyas
"बेहतर"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...