कोविड-19 वैक्सीन लगवाने का अनुभव
देशभर में फ्रंटलाइन वर्कर्स के वैक्सीनेशन के पश्चात, 60 वर्ष से ऊपर एवं गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए 1 मार्च से वैक्सीन लगाने का कार्य देश के सभी राज्यों में एक साथ शुरू हुआ, जिसमें 50,000 से अधिक टीकाकरण केंद्र नियमित कार्य कर रहे हैं। मैं एवं पत्नी 60 वर्ष से ऊपर हो गए हैं, हो हमने भी १८/०३/२०२१ को ऑनलाइन सलाट भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल भोपाल में सुबह की पारी में लिया। हम समय से सुबह 9:00 बजे पहुंच गए बैठने के लिए कुर्सियां लगी हुई थीं, बारी बारी से बुलाकर एक फार्म में नाम आधार नंबर इत्यादि की जानकारी भरी गई। इसके बाद फिर एक कक्ष में कंप्यूटर पर जानकारी दर्ज करने के बाद टीकाकरण कक्ष में भेज दिया गया, मन में डर था परंतु टीका लगाते वक्त कुछ भी पता नहीं चला, टीका लगाने वाले टेक्नीशियन भाई साहब को मैंने हृदय से धन्यवाद एवं दुआएं दीं। फिर हमें एक बड़े हाल में कुर्सियों पर दूरी मेंटेन करते हुए आवजरवेशन मैं रखा गया, वहां पलंग भी लगे हुए थे स्ट्रक्चर एंबुलेंस एवं आपातकाल की सभी व्यवस्थाएं थीं। इसी बीच लगभग आधा से 1 घंटे बाद हमें टीकाकरण का प्रमाण पत्र एवं 28 दिन बाद दूसरा डोज लेने के लिए आने को कहा, साथ ही हिदायत भी दी, यदि बुखार आए या सर भारी हो तो आप पेरासिटामोल ले सकते हैं। इस प्रकार टीकाकरण के पश्चात हम अपने घर आ गए ।अभी कई राज्यों में करोना फैल रहा है, कृपया अभी करोना प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें। वैक्सीन लगवाने अवश्य जाएं। एक दिन हम करोना को हरा देंगे।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी