कोरोना
रुप विकराल कर,महामारी आ गई है,
दिशाओं में अपना वो,तांडव मचा रही।
आम-जन-खास-तक,नहीं पहचान रही,
अपनी ऊंगली पर,सभी को नचा रही।
खांसी साथ सर्दी लिए,दर्द व बुखार लिए,
संक्रमित रुप ऐसी,हवा वो चला रही।
दूरी बनाकर रहें,एक-दूसरे से सभी,
तभी-तय-बच-पाना,यही वो बता रही॥
कोरोना से रोना नहीं,सामना करेंगे सभी,
हौसला बुलंद कर,सभी जन लड़ना।
सामाजिक दूरी बना,घर बाजार रहेंगे,
जनहित सोच रख,दुआ सब करना।
बारम्बार हाथ धोंवे,साबून सेनेटाइजर,
घरपर रखकर, अच्छाई से रहना।
लाक डाउन न तोड़ें, कोई साहस न छोड़ें,
अपने आस-पास में,दम-जोश भरना।
©️रमेश कुमार सिंह रुद्र®️
(कान्हपुर कर्मनाशा कैमूर बिहार)