कोरोना भगाओ पर एक तुच्छ प्रयत्न
विधाता छंद-मापनी १४-१४ मात्रा ,७-७ मात्रा पर यति।
धोऐं हाथ, साबुन से।
फिटकरी से, ही नहलाएं।
न कभी हाथ, मिलाना है ।
न अभी भीड़, लगाना है ।
सम्मान हो ,यदि करना ।
हाथ को ही, जोड़ लेना ।
याद रखना, केवल तुम।
मिलोगे भी,तुम न गले।
बस हो अगर,कभी खाँसी ।
तो मुँह पर ,रूमाल ही
तभी रख लो,छींकना हो
जब कभी भी, दोनों हाथ
रखकर नाक, तुम ढँकना।
सिर दर्द हो, कभी जोरों का।
साथ सीना, अगर जलता ।
हमेशा ही,बुखार भी
यदि रहता,साथ शरीर में
रहे जलन, समझो तभी
तुम्हें लगा,कोरोना है।