Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2020 · 1 min read

कोरोना का सन्नाटा

सब घर क्यो बना कैदखाना है ।
इंसान सच्चाई से क्यो बेगाना है ।
यही आज हमने सच्चाई जाना है ।
सङक है खाली, सन्नाटा है क्यों पसरा ।
लगता है यहाँ भी वायरस कोरोना है ।
गुल्ली -डंडा खेल रहे है सभी ।
राजमार्ग बना आज स्टेडियम का अन्ना है ।
क्रिकेट भी है खेल रहे लोग वहाँ ।
गेंद पकङने को चौकन्ना है ।
मां -बाप कहते घर मे रह पढो लेकिन
खुलता कब किताबो का पन्ना है ।
आज ये बंद क्यो मैखाना है ।
सुने थे कि यही कोरोना का ठिकाना है ।
पर पीता है कौन चुपचाप आज जमाना है ।
रेडियो पर कान गङाए, बूढा लगा सुनने मे ।
कि खबर है क्या कुछ तो नही भयावना है ।
खांस रहे भले ही नही वो पक जाना है ।
उससे भी तो तगङा ये रेडियो का खरखराना है ।
सुरक्षा बरत रहे सभी पुरी कर नियम सभी ।
घूंट -घूँट कर क्या जीना ।
इससे अच्छा ये मर जाना है ।
चांद -तारे को देख मै छत पर सोता हूँ ।
कभी -कभी रातो मे जगकर ।
टहलने जाता हूँ ।
बङा सोच समझकर ।
चूगता वो दाना हूं ।
भले ही मै लङखङा जाऊं ।
पर सदैव सम्भल जाना है ।
लगता है यहाँ भी वायरस कोरोना है ।
तभी तो हमको लग रहा यहाँ सन्नाटा है ।

Rj Anand Prajapati

Language: Hindi
394 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"पतवार बन"
Dr. Kishan tandon kranti
अब गूंजेगे मोहब्बत के तराने
अब गूंजेगे मोहब्बत के तराने
Surinder blackpen
जिंदगी, क्या है?
जिंदगी, क्या है?
bhandari lokesh
हिजरत - चार मिसरे
हिजरत - चार मिसरे
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
गाँव की याद
गाँव की याद
Rajdeep Singh Inda
तब जानोगे
तब जानोगे
विजय कुमार नामदेव
अर्थ  उपार्जन के लिए,
अर्थ उपार्जन के लिए,
sushil sarna
चाय सिर्फ चीनी और चायपत्ती का मेल नहीं
चाय सिर्फ चीनी और चायपत्ती का मेल नहीं
Charu Mitra
बुलंदियों पर पहुंचाएगा इकदिन मेरा हुनर मुझे,
बुलंदियों पर पहुंचाएगा इकदिन मेरा हुनर मुझे,
प्रदीप कुमार गुप्ता
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मिसरे जो मशहूर हो गये- राना लिधौरी
मिसरे जो मशहूर हो गये- राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शिव-स्वरूप है मंगलकारी
शिव-स्वरूप है मंगलकारी
कवि रमेशराज
Change is hard at first, messy in the middle, gorgeous at th
Change is hard at first, messy in the middle, gorgeous at th
पूर्वार्थ
श्रम साधक को विश्राम नहीं
श्रम साधक को विश्राम नहीं
संजय कुमार संजू
बरस रहे है हम ख्वाबो की बरसात मे
बरस रहे है हम ख्वाबो की बरसात मे
देवराज यादव
“मत लड़, ऐ मुसाफिर”
“मत लड़, ऐ मुसाफिर”
पंकज कुमार कर्ण
*सीढ़ी चढ़ती और उतरती(बाल कविता)*
*सीढ़ी चढ़ती और उतरती(बाल कविता)*
Ravi Prakash
हसीनाओं से कभी भूलकर भी दिल मत लगाना
हसीनाओं से कभी भूलकर भी दिल मत लगाना
gurudeenverma198
14. आवारा
14. आवारा
Rajeev Dutta
नेताजी सुभाषचंद्र बोस
नेताजी सुभाषचंद्र बोस
ऋचा पाठक पंत
सत्य को अपना बना लो,
सत्य को अपना बना लो,
Buddha Prakash
2859.*पूर्णिका*
2859.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बाल मन
बाल मन
लक्ष्मी सिंह
विचारों में मतभेद
विचारों में मतभेद
Dr fauzia Naseem shad
मुक्तक - वक़्त
मुक्तक - वक़्त
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तुम नादानं थे वक्त की,
तुम नादानं थे वक्त की,
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"The Divine Encounter"
Manisha Manjari
परिवर्तन
परिवर्तन
RAKESH RAKESH
पर्यावरण दिवस पर विशेष गीत
पर्यावरण दिवस पर विशेष गीत
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
लोकतंत्र में शक्ति
लोकतंत्र में शक्ति
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...