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4 Aug 2024 · 1 min read

कोपर

कोपर जानता है
जमीन की हर तासीर
समझता है
बीज की सारी बात
बूझता है
मौसम का मिजाज
कर लेता है
कृषक जीवन से आत्मसात।

कोपर जानता है
बैलों से कदमताल करना
बढ़ई से हाथ मिलाना
रस्सी से आँख मिलाना
तुतारी से सवाल करना
पेड़ों की सारी भाषा
और भूख की परिभाषा।

कोपर ही वो चीज है
जो जमीन को खेत बनाता है,
परिस्थितियों से संघर्ष कर
किसान का साथ निभाता है।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत भूषण सम्मान प्राप्त।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 60 Views
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