कोई…💔
“ये दिल जो टूटा है, इसे जोड़ जाए कोई..
ये दिल जो ज़ख्मी हुआ है, इसपर मरहम लगाए कोई…!
ये वक्त जो छूट गया है, उसे वापिस बुलाए कोई..
ये राह जो जा रही है उस तरफ़, इसे मोड़ जाए कोई..!!
ये आँखें जो बरस रही हैं, इन्हें छुपाए कोई..
ये हिम्मत जो जवाब दे रही है, उसे चुप कराए कोई..!!!
ये क़दम जो चले जा रहे हैं, उन्हें रोक पाए कोई..
ये तन्हाई जो जकड़ ली है, इसकी गिरफ्त से छुड़ाए कोई..!!
ये भरोसा जो खो गया है, उसे ढूंढ लाए कोई..
ये आस का दीया जो बुझ गया है, इसे फ़िर से जलाए कोई..!”
– सृष्टि बंसल