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9 Nov 2017 · 1 min read

कोई मरता हो मरे अब यँहा सोचता कौन हैं

अपने अपने किरदारों को ढूंढता कौन हैं
कोई मरता हो मरे अब यँहा सोचता कौन हैं

हमे क्या मतलब किसी को क्या होगी परेशानी
कोर्ट के आदेशों को कोई अब मानता कौन हैं

नही फ़िक्र किसी को किसी की,सब मग्न यँहा
सब के सब जल रहे खुद में,खुद को देखता कौन हैं

हम तो अपने अपने धर्मो को मानेगे
अब यह देखते हैं हमे रोकता कौन हैं

तुम पे इतना दम कंहा जो कुछ कहो
ये तो जनता हैं पता नही सरकार कौन हैं

सब ने सबको खूब उलझाया इतना
पता नही अब इनको सुलझाता कौन हैं

अपने अपने किरदारों को ढूंढता कौन हैं
कोई मरता हो मरे अब यँहा सोचता कौन हैं

क्या करना हैं मरता हैं तो मरे कोई
यँहा अपना सगा सम्बन्धी कौन हैं!!

-आकिब जावेद

#Smog #climate_Change

Language: Hindi
436 Views
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