कैसे खेले होली ?
? कैसे खेले होली ?
मास्क है जरूरी
और
दो गज की है दूरी,
कैसे खेले हम होली
हुडदंगियों की टोली,
घूम रही है पहने बिना मास्क
रंगों का त्योहार है होलिका,
उल्लास है सबके दिलो में
खो नहीं जाना रंगों के खेल में,
कोरोना भी बरसा रहा है कहर
सुरसा की तरह हो रहा विस्तारा,
भूल कर भी न आना इसके झांसे में
वरना बच नहीं पाओगे इसके रंग में रंगने से तुम,
हो सके इतना भीड़-भाड़ से दूर रहना
मत करना तुम-सब ज्यादा मिलना-जुलना,
दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी
बस यही विनती है तुम-सबसे मेरी,
होली मनाने के चक्कर में भूल करना नहीं
हो सके तो घर से बाहर तुम निकलना नहीं,
त्योहार अब रस्म की तरह रह गए है
दस्तूर की तरह इसको तुम्हें निभाने है,
वरना
आपको भूल का खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है
अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ सकते है,
कोरोना का कहर कुछ दिन ओर सही
जान है तो त्योहार अगले बरस ही सही !!
✍️ चेतन दास वैष्णव ✍️
गामड़ी नारायण
बाँसवाड़ा
राजस्थान
स्वरचित-मौलिक मेरी रचना