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10 Apr 2024 · 1 min read

कैसे कह दें?

कैसे कह दें
वक्त बहुत बदल गया है
जब नारी की
परछाइयों को देखते ही
उठती हैं सैकड़ों नजरें
खड़े हो जाते हैं
लोगों के कान,
फुसफुसाने लगती है
मर्दों की जुबान।

नारी शक्ति पर आधारित
मेरी प्रकाशित द्वितीय कृति :
‘बराबरी का सफर’ से,,,चन्द पंक्तियाँ।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
अमेरिकन एक्सीलेंट अवार्ड प्राप्त।

Language: Hindi
4 Likes · 3 Comments · 106 Views
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