Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Aug 2019 · 2 min read

#कैसी सरकार चुनें?

कैसी हो सरकार?

अंदर से कच्ची ऊपर पक्की, क्यों दीवारें अच्छी लगती हैं?
देती फौक़ट में दाना-पैसा, क्यों सरकारें अच्छी लगती हैं?
पैसा तुम्हारा तुमको देकर, तुमपर ही हैं ये अहसान करें।
रौब जमाएँ ये ख़ूब नचाएँ, बन तानाशाह परेशान करें।।

जो वादे अब अच्छे लगते हैं, कैसे पूरे होंगे सोचा क्या?
बिन सोचे दौड़े यार गिरोगे, फिर हम ज़ख़्मी होंगे लोचा क्या?
लालच छोड़ो सच्चाई जोड़ो, विकास की विधियों को तुम समझो।
भेद भुलादो अब मन से मन का, जीवन की गतियों को तुम समझो।।

शिक्षा माँगों स्वास्थ्य पुकार करो, मज़बूती आएगी सब पढ़के।
अधिकारों को जानोगे अपने, आनंद मिलेगा ऊँचाई चढ़के।।
सरकारी विद्यालय अस्पताल, सुविधाओं से जब भर जाएंगे।
ग़रीब भी ताक़त बनके फिर तो, विकसित गतियाँ छूते जाएंगे।।

बिजली पानी की हर सुविधा हो, रोजग़ार की भी ना दुविधा हो।
ईमान बसे क़ानून रहे बस, दूर ग़रीबी की हर विपदा हो।।
सीधी सादी नीति चलेगी गर, लूट रहे न रहेगा कोई डर।
षडयंत्र गिरेंगे सब मुँह के बल, होगी जीवन संकट पार डगर।।

लालच देता है जनता को जो, वोटों की करे ख़रीदारी है।
जनसेवक का भेष बनाएँ पर, वो नेता होता व्यापारी है।।
समझो उसकी चालें ध्यान करो, असली नकली की पहचान करो।
वो क्या तुमपर अहसान करेगा, दे मत तुम उसपर अहसान करो।।

नेताओं लूटो मत जनता को, असली मुद्दों की तुम बात करो।
जो भी जनता का हाल सुधारें, ऐसे वादों की बरसात करो।।
अपना घर भरना अब छोड़ो तुम, इंसानियत भी रखो तन मन में।
भोले जन तुम पर विश्वास करें, ऐसी ख़ुशियाँ भरदो जीवन में।।

–आर.एस. प्रीतम
सर्वाधिकार सुरक्षित–radheys581@gmail.com

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 519 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
"मेरी मसरूफ़ियत
*Author प्रणय प्रभात*
If you have believe in you and faith in the divine power .yo
If you have believe in you and faith in the divine power .yo
Nupur Pathak
“दोस्त हो तो दोस्त बनो”
“दोस्त हो तो दोस्त बनो”
DrLakshman Jha Parimal
समन्वय
समन्वय
DR ARUN KUMAR SHASTRI
खुद को इतना हंसाया है ना कि
खुद को इतना हंसाया है ना कि
Rekha khichi
मैं पढ़ता हूं
मैं पढ़ता हूं
डॉ० रोहित कौशिक
जब एक ज़िंदगी है
जब एक ज़िंदगी है
Dr fauzia Naseem shad
मक्खन बाजी
मक्खन बाजी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
खिलेंगे फूल राहों में
खिलेंगे फूल राहों में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
शुद्ध
शुद्ध
Dr.Priya Soni Khare
अपनों को थोड़ासा समझो तो है ये जिंदगी..
अपनों को थोड़ासा समझो तो है ये जिंदगी..
'अशांत' शेखर
सावन मास निराला
सावन मास निराला
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
Pt. Brajesh Kumar Nayak
नेता बनि के आवे मच्छर
नेता बनि के आवे मच्छर
आकाश महेशपुरी
वो बचपन का गुजरा जमाना भी क्या जमाना था,
वो बचपन का गुजरा जमाना भी क्या जमाना था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इत्तिहाद
इत्तिहाद
Shyam Sundar Subramanian
बस फेर है नज़र का हर कली की एक अपनी ही बेकली है
बस फेर है नज़र का हर कली की एक अपनी ही बेकली है
Atul "Krishn"
उधार वो किसी का रखते नहीं,
उधार वो किसी का रखते नहीं,
Vishal babu (vishu)
राजाधिराज महाकाल......
राजाधिराज महाकाल......
Kavita Chouhan
समय की कविता
समय की कविता
Vansh Agarwal
जज्बात
जज्बात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
प्रत्याशी को जाँचकर , देना  अपना  वोट
प्रत्याशी को जाँचकर , देना अपना वोट
Dr Archana Gupta
3180.*पूर्णिका*
3180.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-470💐
💐प्रेम कौतुक-470💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तो अब यह सोचा है मैंने
तो अब यह सोचा है मैंने
gurudeenverma198
love or romamce is all about now  a days is only physical in
love or romamce is all about now a days is only physical in
पूर्वार्थ
☘☘🌸एक शेर 🌸☘☘
☘☘🌸एक शेर 🌸☘☘
Ravi Prakash
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
Anil chobisa
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
माना कि दुनिया बहुत बुरी है
माना कि दुनिया बहुत बुरी है
Shekhar Chandra Mitra
Loading...