केवल “ॐ” कार है
है अंत,अंत ,
अंत से अनंत
शून्य शब्द वाक्य के
अल्प से विराम तक
जिस ध्वनि संचार
शब्द की झंकार है
ओ शब्द “ ॐ “ कार है 2
मधुर ,मधुरता से कर्णभेदी
तीव्र तीक्ष्ण स्वर
विशाल ब्रम्हांड के
कण कण मे विधमन है
ओ स्वर “ ॐ “ कार है 2
ॐ से आरंभ हो
ॐ में समा गया
ॐ से प्रलय हुआ
ॐ से ही सर्जन हुआ
ॐ एक आधार है
भक्तों के आधार केवल “ॐ” कार है
नीरज मिश्रा ” नीर ” बरही ,कटनी , मध्य प्रदेश