Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

” कू कू “

” कू कू ”
सड़क किनारे की बात
अनायास ही मिला था
कू कू रखा उसका नाम
मुर्गे का छोट्टा चूजा था,
उठाया गोद में रोमी ने
थोड़ा सा फड़फड़ाया था
कार गन्दा ना करे इसलिए
अख़बार भी बिछाया था,
उड़ता पंछी गगन का वो
पैरों को धागे से बांधा था
सोचा भूख तो लगी होगी
ढाबे से चावल खरीदा था,
बार बार में बीट कर देता
परेशान तो थोड़ा किया था
गत्ते से उसका घर बनाया
ख़ुशी से उसमें घुस गया था,
अनाज के दाने लगते प्यारे
बीच बीच में पानी पीता था
दिन में बालकनी में खेलता
शाम को अंदर भागता था,
थोड़ी सी उछल कूद करता
टॉवल पर फिर सो जाता था
दरवाजा खुले तो मौका देखे
बाहर तेज से भाग जाता था,
कभी धूप कभी छांव भाती
गेट पर ही दम तोड़ दिया था
घर आए तो सांस थमी मिली
पूनिया को उसने रुला दिया था।

2 Likes · 165 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Meenu Poonia
View all
You may also like:
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
Phool gufran
मोर मुकुट संग होली
मोर मुकुट संग होली
Dinesh Kumar Gangwar
..
..
*प्रणय*
बेचारी माँ
बेचारी माँ
Shaily
आजमाइश
आजमाइश
Dr.Pratibha Prakash
खुशी देने से मिलती है खुशी और ग़म देने से ग़म,
खुशी देने से मिलती है खुशी और ग़म देने से ग़म,
Ajit Kumar "Karn"
कुछ परिंदें।
कुछ परिंदें।
Taj Mohammad
विवाह समारोहों में सूक्ष्मता से की गई रिसर्च का रिज़ल्ट*
विवाह समारोहों में सूक्ष्मता से की गई रिसर्च का रिज़ल्ट*
Rituraj shivem verma
It is what it is
It is what it is
पूर्वार्थ
अमृतकलश
अमृतकलश
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
श्री राम भक्ति सरिता (दोहावली)
श्री राम भक्ति सरिता (दोहावली)
Vishnu Prasad 'panchotiya'
रूह का छुना
रूह का छुना
Monika Yadav (Rachina)
कई महीने साल गुजर जाते आँखों मे नींद नही होती,
कई महीने साल गुजर जाते आँखों मे नींद नही होती,
Shubham Anand Manmeet
इन फूलों से सीख ले मुस्कुराना
इन फूलों से सीख ले मुस्कुराना
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
अमर स्वाधीनता सैनानी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
अमर स्वाधीनता सैनानी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
कवि रमेशराज
यही एक काम बुरा, जिंदगी में हमने किया है
यही एक काम बुरा, जिंदगी में हमने किया है
gurudeenverma198
नववर्ष
नववर्ष
Mukesh Kumar Sonkar
संभव है तुम्हें मेरे जैसे अनेकों लोग मिल जायें, पर ध्यान रहे
संभव है तुम्हें मेरे जैसे अनेकों लोग मिल जायें, पर ध्यान रहे
इशरत हिदायत ख़ान
खुशी -उदासी
खुशी -उदासी
SATPAL CHAUHAN
महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
Subhash Singhai
मुक्तक .....
मुक्तक .....
Neelofar Khan
*ज़िंदगी में बहुत गम है*
*ज़िंदगी में बहुत गम है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रंगों में भी
रंगों में भी
हिमांशु Kulshrestha
"हासिल"
Dr. Kishan tandon kranti
4478.*पूर्णिका*
4478.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते...
कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते...
मनोज कर्ण
पुरुष चाहे जितनी बेहतरीन पोस्ट कर दे
पुरुष चाहे जितनी बेहतरीन पोस्ट कर दे
शेखर सिंह
बड़ी होती है
बड़ी होती है
sushil sarna
पाती
पाती
डॉक्टर रागिनी
ख़ालीपन
ख़ालीपन
MEENU SHARMA
Loading...