कुपोषण की पहचान कारण और बचने के उपाय
**कुपोषण की पहचान-**
मोटा पेट शरीर में सूजन,हाथ पैर में हो दुबलापन।
झुर्री युक्त त्वचा पीली हो,वृद्धि रुके पेशी ढीली हो।
कार्य करें जल्दी थक जाएं,मन में जोश कभी ना पाएं।
चमक रहित हों रूखे बाल,आँखें धँसी हो चिपके गाल।
कान्तिहीन चेहरा हो जाए, वज़न घटे कमजोरी आए।
नींद न आए पाचन गड़बड़, मन घबराए दिल में हड़बड़।
जब खून मसूड़ों से बहता हो,घाव अधिक दिन तक रहता हो।
गर्दन की ग्रंथियाँ जो फूलें, याद किया सब जल्दी भूलें।
कुपोषण के कारण-
फल, सब्जी ,घी, दूध न लेते, सिर्फ़ अनाज पेट भर देते।
अज्ञानता , निरक्षरता वश, स्वयं कुपोषण अपना लेते।
मिले नहीं सन्तुलित आहार, तो चलते फिरते हों बीमार।
हम और सभी से लड़ सकते पर रोग से लड़ने में लाचार।
कुपोषण का उपचार-
घेंघा ,सूखा रोग, रतौंधी , और अनीमिया स्कर्वी कौंधी।
सूर्य रोशनी, लौह, कैल्सियम,मण्ड और प्रोटीन अधिकतम।
आयोडीन , विटामिन ‘डी’ ,’ए’-बी’ ,’सी’ लें अरु स्वस्थ जियें।
फलों का रस लें दूध तरल, लें दाल का सूप व रहें सरल।