कुत्ते बिल्ली से लड़ें, रहे नेतागिरी निखार
काम है धेले का नहीं, बातों की भरमार
भाषण से ही चल रहा, उनका कारोबार
लेना देना कुछ नहीं, सदा से रहे उधार
देश तरक्की करेगा, बंधु अबकी बार
महंगाई और गरीबी, हैं हथियार उदार
जब चाहो जब चला दो, जनता पर हर बार
धर्म जाति और वर्ग के, मुद्दे हैं दो चार
कुत्ते बिल्ली से लड़ें, रहे नेतागिरी निखार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी