Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2023 · 1 min read

कुत्ते की व्यथा

यह सच है कि
मैं स्वामीभक्ति में नंबर वन हूँ
तलवे चाटते हूँ
लेकिन जब भौंकता हूँ तो
विरले ही काटता हूँ
जब आप किसी नेता से
मेरी तुलना करते हैं तो
आप पर मुझे तरस आती है
आप भी कितने नीरे हैं
जरा सोचिए
हम कुत्ते क्या इतने गिरे हैं
मुझे वह दिन अब भी याद है
जब आप और हम
शिकार पर जाते थे
आप शिकार को पूरा जीमते थे
और हम
आपके द्वारा फेंकी गई हड्डियों से
अपना काम चलाते थे
अब भी मुझे इसका
तनिक नहीं है गिला
मगर हाय रे मेरी किस्मत!
मेरी तुलना करने को
आपको एक नेता मिला
वह नेता
जो दिल्ली से कटहल लेकर चलता है
कोवा खुद खाता है
और आपको सिर्फ
मुँगरा ही मिल पाता है।

1 Like · 312 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
View all
You may also like:
तूफ़ान कश्तियों को , डुबोता नहीं कभी ,
तूफ़ान कश्तियों को , डुबोता नहीं कभी ,
Neelofar Khan
अधूरी कहानी (कविता)
अधूरी कहानी (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
पास आकर मुझे अब लगालो गले ,
पास आकर मुझे अब लगालो गले ,
कृष्णकांत गुर्जर
सुन लिया करो दिल की आवाज को,
सुन लिया करो दिल की आवाज को,
Manisha Wandhare
खुद से भी सवाल कीजिए
खुद से भी सवाल कीजिए
Mahetaru madhukar
आइना फिर से जोड़ दोगे क्या..?
आइना फिर से जोड़ दोगे क्या..?
पंकज परिंदा
दोहा पंचक. . . . प्रेम
दोहा पंचक. . . . प्रेम
sushil sarna
बांते
बांते
Punam Pande
23/171.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/171.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नया से भी नया
नया से भी नया
Ramswaroop Dinkar
डीजे
डीजे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आइये तर्क पर विचार करते है
आइये तर्क पर विचार करते है
शेखर सिंह
कान्हा घनाक्षरी
कान्हा घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
क़ानून
क़ानून
Shashi Mahajan
ज़िंदगी, ज़िंदगी ढूंढने में ही निकल जाती है,
ज़िंदगी, ज़िंदगी ढूंढने में ही निकल जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*अंतःकरण- ईश्वर की वाणी : एक चिंतन*
*अंतःकरण- ईश्वर की वाणी : एक चिंतन*
नवल किशोर सिंह
मन करता है नील गगन में, पंछी बन उड़ जाऊं
मन करता है नील गगन में, पंछी बन उड़ जाऊं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रम्मी खेलकर लोग रातों रात करोड़ पति बन रहे हैं अगर आपने भी स
रम्मी खेलकर लोग रातों रात करोड़ पति बन रहे हैं अगर आपने भी स
Sonam Puneet Dubey
हम सृजन के पथ चलेंगे
हम सृजन के पथ चलेंगे
Mohan Pandey
विज्ञान का चमत्कार देखो,विज्ञान का चमत्कार देखो,
विज्ञान का चमत्कार देखो,विज्ञान का चमत्कार देखो,
पूर्वार्थ
प्रदर्शनकारी पराए हों तो लाठियों की। सर्दी में गर्मी का अहसा
प्रदर्शनकारी पराए हों तो लाठियों की। सर्दी में गर्मी का अहसा
*प्रणय*
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"बदल रही है औरत"
Dr. Kishan tandon kranti
गिरें पत्तों की परवाह कौन करें
गिरें पत्तों की परवाह कौन करें
Keshav kishor Kumar
"प्यासा"के गजल
Vijay kumar Pandey
मुझमें गांव मौजूद है
मुझमें गांव मौजूद है
अरशद रसूल बदायूंनी
*गली-गली में घूम रहे हैं, यह कुत्ते आवारा (गीत)*
*गली-गली में घूम रहे हैं, यह कुत्ते आवारा (गीत)*
Ravi Prakash
बहुत बार
बहुत बार
Shweta Soni
Dear  Black cat 🐱
Dear Black cat 🐱
Otteri Selvakumar
Loading...