कुण्डलिया
सूरत तेरी सामने , क्या मैं देखूं यार ।
मुझको प्यारा है लगे, बस तेरा दीदार ।।
बस तेरा दीदार, सदा ही दिल को भाता ।
इक तुझ में भगवान, नज़र है मुझको आता ।।
कहते श्री कविराय, आरज़ू बस यह मेरी ।
जब जाऊं शमशान, दिखे बस सूरत तेरी ।।
श्रीभगवान बव्वा
प्रवक्ता अंग्रेजी