Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Aug 2024 · 1 min read

कुछ शामें गुज़रती नहीं… (काव्य)

कुछ लंबी शामें सिरहाने पड़ी…
बीतने का नाम न ले रहीं।
कुछ दबी शिकायतें अनकही,
कुछ रूठी सदाएँ अनसुनी।
एक दुनिया को कहते थे सगी,
हमारे मखौल से उसकी महफ़िलें सजने लगी।

ज़ख्म रिसते हैं,
मर्ज़ की बात नहीं….
सब तो मालूम है,
पर कुछ हाथ नहीं!

जवाब तैयार रखे थे,
सवालों की बिसात नहीं।
इतने सपनों को ठगने वाली…
इस रात की सुबह नहीं।

खैर. .फिर कभी ये दौर याद करेंगे,
गुमसुम हालातों से बात करेंगे…
कभी चलना सिखाया था दुनिया को. ..
फिर कभी इसकी रफ़्तार में साथ चलेंगे।

जय हिंद!

#ज़हन

1 Like · 73 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दूरी
दूरी
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
एक अजीब कशिश तेरे रुखसार पर ।
एक अजीब कशिश तेरे रुखसार पर ।
Phool gufran
सिर्फ खुशी में आना तुम
सिर्फ खुशी में आना तुम
Jitendra Chhonkar
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
Sandeep Kumar
मैं कभी भी भीड़ के साथ नही खड़ा होना चाहता हूं।
मैं कभी भी भीड़ के साथ नही खड़ा होना चाहता हूं।
Rj Anand Prajapati
मैं चाहती हूँ
मैं चाहती हूँ
Shweta Soni
श्री कृष्ण भजन
श्री कृष्ण भजन
Khaimsingh Saini
पते की बात - दीपक नीलपदम्
पते की बात - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
बटन ऐसा दबाना कि आने वाली पीढ़ी 5 किलो की लाइन में लगने के ब
बटन ऐसा दबाना कि आने वाली पीढ़ी 5 किलो की लाइन में लगने के ब
शेखर सिंह
अर्धांगनी
अर्धांगनी
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
मां
मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
रमेशराज के समसामयिक गीत
रमेशराज के समसामयिक गीत
कवि रमेशराज
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
Manoj Mahato
मै पा लेता तुझे जो मेरी किस्मत करब ना होती|
मै पा लेता तुझे जो मेरी किस्मत करब ना होती|
Nitesh Chauhan
4756.*पूर्णिका*
4756.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य - रविकेश झा
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य - रविकेश झा
Ravikesh Jha
जीवन का एक ही संपूर्ण सत्य है,
जीवन का एक ही संपूर्ण सत्य है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" पाती जो है प्रीत की "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा
देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मोहब्बत ना सही तू नफ़रत ही जताया कर
मोहब्बत ना सही तू नफ़रत ही जताया कर
Gouri tiwari
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
बुझा दीपक जलाया जा रहा है
बुझा दीपक जलाया जा रहा है
कृष्णकांत गुर्जर
सपनों को दिल में लिए,
सपनों को दिल में लिए,
Yogendra Chaturwedi
खींच तान के बात को लम्बा करना है ।
खींच तान के बात को लम्बा करना है ।
Moin Ahmed Aazad
" किरदार "
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से मत पढ़ा करो दोस्तों, कुछ याद र
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से मत पढ़ा करो दोस्तों, कुछ याद र
Ranjeet kumar patre
जरूरी तो नहीं - हरवंश हृदय
जरूरी तो नहीं - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
★HAPPY BIRTHDAY SHIVANSH BHAI★
★HAPPY BIRTHDAY SHIVANSH BHAI★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
सतयुग, द्वापर, त्रेतायुग को-श्रेष्ठ हैं सब बतलाते
सतयुग, द्वापर, त्रेतायुग को-श्रेष्ठ हैं सब बतलाते
Dhirendra Singh
*सुनते हैं नेता-अफसर, अब साँठगाँठ से खाते हैं 【हिंदी गजल/गीत
*सुनते हैं नेता-अफसर, अब साँठगाँठ से खाते हैं 【हिंदी गजल/गीत
Ravi Prakash
Loading...