Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jul 2023 · 2 min read

कुछ लिखा हैं तुम्हारे लिए, तुम सुन पाओगी क्या

कुछ लिखा हैं तुम्हारे लिए, तुम सुन पाओगी क्या
जिसे छोड़ा है तुमने, वो काश्तकार ढूंढ पाओगी क्या
किस आज़ादी की दुहाई दे रही हो तुम
वो आज़ादी आलोक के सिवा कही और पाओगी क्या

497 की बात तुमसे कोई क्यों करें, आज़ादी हैं अब तो
क्या इस हाल में भारत को अमेरिका बना पाओगी क्या
जिस दूसरे को तुम आज अपना बेहतर समझ रही हो
कोई और बेहतर मिला तो तीसरे विकल्प पर जाओगी क्या

एथिक्स बहुत पढ़ी होगी तुमने स्वार्थ सिद्धि के लिए
जिंदगी के नैतिक मूल्यों को बचा पाओगी क्या
जिसने सब कुछ लूटा दिया सिर्फ़ तुम्हारे लिए
उसके साथ भी कभी न्याय कर पाओगी क्या

तुम भोली हो, पागल हो या अंधी हो ऊपरवाले जाने
अपने आशिक के अवैध संबंधों को गिन पाओगी क्या
हर शाम उसका रंगीन हो, ख्वाब पाले बैठा है जो
उसमें भी मोहब्बत कभी ढूंढ पाओगी क्या

कैसे कह दे कि तुम्हें भारतीयता का ज्ञान नहीं है
इन महंगे लिबास में वो पुराना इज्जत पाओगी क्या
जो घूँघट कभी ना गिरे तुम्हारे सर से
अपनो के बीच वो सम्मान दुबारा बना पाओगी क्या

तुम जाने किस किस अहम में जी रही हो
सब कुछ छोड़कर जाना है इस जमाने से
ये जिस्म और कथित रुतवा जब ढल जाएगा
दुबारा पाने की औकात रख पाओगी क्या

तुम सिर्फ़ अपनी जिद्द पूरी करने को ठानी हो
कभी अपने बच्चों के साथ न्याय कर पाओगी क्या
जिनका भरा पूरा, हँसता खेलता परिवार था
उन बच्चों के सागा बाप कभी दिला पाओगी क्या

तुमने रिश्ता ही नहीं, एक संस्कृति को तोड़ा है
फिर से उस परंपरा को कभी जोड़ पाओगी क्या
तुम्हारा कुछ था ही नहीं फिर तुमने क्या खोया
उस पुरूष का परिवार दुबारा लौटा पाओगी क्या

876 Views

You may also like these posts

लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
Rj Anand Prajapati
अरे मेघ! मेरे दूत बन जाओ
अरे मेघ! मेरे दूत बन जाओ
सोनू हंस
बुंदेली दोहा-पखा (दाढ़ी के लंबे बाल)
बुंदेली दोहा-पखा (दाढ़ी के लंबे बाल)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रोज हमको सताना गलत बात है
रोज हमको सताना गलत बात है
कृष्णकांत गुर्जर
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
यह जिंदगी मेरी है लेकिन..
यह जिंदगी मेरी है लेकिन..
Suryakant Dwivedi
"अजीब लोग"
Dr. Kishan tandon kranti
3258.*पूर्णिका*
3258.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
Shweta Soni
बिल्ली का डर
बिल्ली का डर
अरशद रसूल बदायूंनी
हर ग़ुनाह
हर ग़ुनाह
Dr fauzia Naseem shad
बाजारवाद
बाजारवाद
Punam Pande
मौला   अली  का  कहना  है
मौला अली का कहना है
shabina. Naaz
परमात्मा
परमात्मा
ओंकार मिश्र
I read a book that said:
I read a book that said:
पूर्वार्थ
गर्दिश का माहौल कहां किसी का किरदार बताता है.
गर्दिश का माहौल कहां किसी का किरदार बताता है.
डॉ. दीपक बवेजा
कौन किसकी कहानी सुनाता है
कौन किसकी कहानी सुनाता है
Manoj Mahato
वो बुद्ध कहलाया ...
वो बुद्ध कहलाया ...
sushil sarna
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
#अहसास से उपजा शेर।
#अहसास से उपजा शेर।
*प्रणय*
प्यार का रिश्ता, जन्म का रिश्ता
प्यार का रिश्ता, जन्म का रिश्ता
Surinder blackpen
कटाक्ष
कटाक्ष
Shekhar Chandra Mitra
उसे भूला देना इतना आसान नहीं है
उसे भूला देना इतना आसान नहीं है
Keshav kishor Kumar
एक गीत सुनाना मैं चाहूं
एक गीत सुनाना मैं चाहूं
C S Santoshi
जिंदगी बेहद रंगीन है और कुदरत का करिश्मा देखिए लोग भी रंग बद
जिंदगी बेहद रंगीन है और कुदरत का करिश्मा देखिए लोग भी रंग बद
Rekha khichi
ग़लतफ़हमी में क्यों पड़ जाते हो...
ग़लतफ़हमी में क्यों पड़ जाते हो...
Ajit Kumar "Karn"
सख्त बनो
सख्त बनो
Dheerja Sharma
आप क्या समझते है जनाब
आप क्या समझते है जनाब
शेखर सिंह
घाव
घाव
अखिलेश 'अखिल'
मेरी आँखों से भी नींदों का रिश्ता टूट जाता है
मेरी आँखों से भी नींदों का रिश्ता टूट जाता है
Aadarsh Dubey
Loading...