# कुछ देर तो ठहर जाओ
# कुछ देर तो ठहर जाओ
रुका हुआ कुछ मेरे करीब
खाली जैसे कोरा पन्ना
कैसे करूं मैं यकीन
कुछ देर तो ठहर जाओ
वह खास पल जो जीना चाहूं
मुराद लाया हूं सखी
हे प्रिय!
कभी इन ख्वाबों से भी बाहर आओ
तुम प्रेम संगिनी हो मेरी
तुम्हारा अस्तित्व मिथ्या ही सही
तुम मुझ में ही हो
चाहे तुम्हारी मौजूदगी नहीं
किंतु फेर बदल इस मन का
चाहे सच मानना तुम्हें
हां कर लूंगा यकीन
कुछ देर तो ठहर जाओ
~ कुmari कोmal