Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2023 · 1 min read

कुछ कम भी नही मेरे पास

अधिक ठीक नहीं कुछ भी
इसलिए
अधिक कभी कुछ नहीं मांगा
जीवन से ।

न पंख फैलाने को अधिक आसमान चाहा
न चाही इतनी अधिक ज़मीन
कि औरों के हिस्से में
चलना न आए ।
अधिक न चाहना की फेहरिस्त में रहे
हंसना
और खुश रहना भी ।

कम को ही अधिक मान
हमेशा कहा
हे ईश्वर !
बहुत दिया तुमने ।

ईश्वर कम करते गए
मेरा कम भी जो अधिक लगा मुझे
और अब ऐसा है कि
कुछ कम भी नहीं मेरे पास !!!

Language: Hindi
132 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कर क्षमा सब भूल मैं छूता चरण
कर क्षमा सब भूल मैं छूता चरण
Basant Bhagawan Roy
"जलाओ दीप घंटा भी बजाओ याद पर रखना
आर.एस. 'प्रीतम'
स्त्रियाँ
स्त्रियाँ
Shweta Soni
***आकाश नीला है***
***आकाश नीला है***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अफ़सोस
अफ़सोस
Dipak Kumar "Girja"
फ़िक्र
फ़िक्र
Shyam Sundar Subramanian
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*
*"अक्षय तृतीया"*
Shashi kala vyas
शुभ
शुभ
*प्रणय*
नाहक ही ख्वाब में जी कर क्या करेंगे ,
नाहक ही ख्वाब में जी कर क्या करेंगे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
*हे शारदे मां*
*हे शारदे मां*
Dr. Priya Gupta
खत्म हुआ है दिन का  फेरा
खत्म हुआ है दिन का फेरा
Dr Archana Gupta
सबक
सबक
manjula chauhan
" प्रेम का अर्थ "
Dr. Kishan tandon kranti
युग परिवर्तन
युग परिवर्तन
आनन्द मिश्र
Midnight success
Midnight success
Bidyadhar Mantry
इंसान का स्वार्थ और ज़रूरतें ही एक दूसरे को जोड़ा हुआ है जैस
इंसान का स्वार्थ और ज़रूरतें ही एक दूसरे को जोड़ा हुआ है जैस
Rj Anand Prajapati
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें।
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें।
निकेश कुमार ठाकुर
जो व्यक्ति दुःख और सुख दोनों में अपना सहमति रखता हो वह व्यक्
जो व्यक्ति दुःख और सुख दोनों में अपना सहमति रखता हो वह व्यक्
Ravikesh Jha
महाभारत एक अलग पहलू
महाभारत एक अलग पहलू
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
4523.*पूर्णिका*
4523.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" सत कर्म"
Yogendra Chaturwedi
शिवरात्रि
शिवरात्रि
Madhu Shah
Erikkappetta Thalukal
Erikkappetta Thalukal
Dr.VINEETH M.C
हो सकता है कि अपनी खुशी के लिए कभी कभी कुछ प्राप्त करने की ज
हो सकता है कि अपनी खुशी के लिए कभी कभी कुछ प्राप्त करने की ज
Paras Nath Jha
मन की इच्छा मन पहचाने
मन की इच्छा मन पहचाने
Suryakant Dwivedi
हैं राम आये अवध  में  पावन  हुआ  यह  देश  है
हैं राम आये अवध में पावन हुआ यह देश है
Anil Mishra Prahari
जीवन से  प्यार करो।
जीवन से प्यार करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बैठा के पास पूंछ ले कोई हाल मेरा
बैठा के पास पूंछ ले कोई हाल मेरा
शिव प्रताप लोधी
Loading...