किस्मत !!
** किस्मत **
¤ दिनेश एल० “जैहिंद”
खाली पेट पानी पीने से पेट नहीं भरता,,
पानी के संग-संग कुछ चारा भी चाहिए ।।
हाथ-पांव मारने से किनारे नहीं मिलते,,
कुछ-कुछ किस्मत का सहारा भी चाहिए ।।
कर्म है गर सफलता की तिजोरी का ताला,,
तो उस ताले की चाबी तकदीर है भइया ।।
भले कोई हंस ले भाग्य पर, पर पार होती,,
नसीब के बल हर किसी की जीवन-नइया ।।
जैसे ईश छाया बनकर हलपल साथ रहता,,
वैसे ही तकदीर संग-संग साया बन रहती ।।
कर्म और भाग्य हैं दो पहलू एक ही सिक्के के,,
बड़े-बडे महात्मा व विदुषियाँ यही कहतीं ।।
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दिनेश एल० “जैहिंद”
28. 07. 2017