किस्मत में उतार-चढ़ाव ही तो जीवन है !
किस्मत में उतार-चढ़ाव ही तो जीवन है !
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माना कि ज़िंदगी से हैं आप परेशान !
नहीं हो रहा समस्याओं का समाधान !
खड़े कर रहा कोई न कोई व्यवधान !
हरेक दिन हो रहा बहुत बड़ा नुक़सान !
इर्द-गिर्द के माहौल में मच रहा घमासान !
पथ पर अडिग रहना ही है इसका निदान !
कर्तव्य-पथ से विचलित ना हों, हे इंसान !
संघर्ष पूर्ण जीवन की तो यही है पहचान !!
जीवन के प्रति आस सदा बनाए रखें…..
किस्मत में उतार-चढ़ाव ही तो जीवन है !!
न पराए साथ दे रहे न ही अपने कोई रहे !
सभी तो हर तरफ से ही रास्ता रोक रहे !
दुष्वारियाॅं जीवन में पीछा ही न छोड़ रहे !
दिन-रात तो बेईमानों से ही पाले पड़ रहे !
जिसे देखो वो ही छलने की ही सोच रहे !
ऐसे में जीवन के प्रति उत्साह ही घट रहे !
पर हे मानव, क्यों तेरे मनोबल हैं गिर रहे !
उलझनों में छुपे समाधान भी तो दिख रहे !!
जीवन के प्रति आस सदा बनाए रखें…..
किस्मत में उतार-चढ़ाव ही तो जीवन है !!
ईश्वर साथ हैं तो कोई बाल न बाॅंका कर सके !
बस, जरूरत है कि हौसला अपना बनाए रखें !
राहों में दुश्मन हैं तो दोस्त भी कुछ बन ही जाते !
दु:ख गर दस्तक देती तो सुख की घड़ी भी आते !
जीवन में चुनौतियों का सामना तो करने ही पड़ते!
चुनौतियों से घबराकर क्यों हम कभी रोते फिरें !
धैर्य व हिम्मत से इन चुनौतियों का सामना करें !
इन व्यग्रताओं के बीच सुकून के पल भी आएंगे !
निश्चय ही जीवन के पल सुख-चैन से कट जाएंगे !!
जीवन के प्रति आस सदा बनाए रखें…..
किस्मत में उतार-चढ़ाव ही तो जीवन है !!
स्वरचित एवं मौलिक ।
©® अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 27 दिसंबर, 2021.
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