किसी मुस्क़ान की ख़ातिर ज़माना भूल जाते हैं किसी मुस्क़ान की ख़ातिर ज़माना भूल जाते हैं सुहानी चाहतें ऐसा ग़ज़ब अंज़ाम करती हैं आर.एस. ‘प्रीतम’