प्रेम की धाराएँ
किसी ऐसे मोड़ पर
जब हम सोचे ना हों
बावजूद
किसी खास शख्स से
मुलाकात हो जाना
महज कोई संयोग नहीं
वरन् कोई बात है
उससे आगे की।
वक्त की राख के ढेर में
लम्हों से दबी हुई
हसरतों की चिंगारियों का
फिर से
शोला बन जाना
महज कोई संयोग नहीं
वरन् कोई इतिहास है
निकट भविष्य की।
और वो
इस बात का गवाह है
कि विलुप्त नहीं हो सकती
कभी प्रेम की धाराएँ।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
श्रेष्ठ लेखक के रूप में
विश्व रिकॉर्ड में दर्ज
हरफनमौला साहित्य लेखक।