Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Dec 2020 · 1 min read

किसान और हुक्मरान का घमासान !!

किसान अपनी व्यथा को समझाने है निकला,
हुक्मरानों ने बिना मांगे ही उन्हें ऐसा कुछ दे दिया,
जिसे स्वीकारना हमारे लिए असहज हो रहा!

बस इसी बात पर तो यह तकरार है,
इसी पर इनका अपना अपना विचार है,
और सरकार तो सरकार है!

सरकार ने जब देने का मन बना ही लिया,
तो किसान इसे किस हैसियत से है ठुकरा रहा,
हम तो हुक्मरान हैं, तुम हमें पहचानते नहीं,
तुम हो सिर्फ अदने से किसान यह जानते नहीं,!

हमें रखना है ख्याल अपने रहनुमाओं का भी,
तुमसे तो वास्ता नहीं है अभी,
संतुलन बना कर चलना पड़ता है कभी कभी,
मध्य का मार्ग पकड़े हुए हैं हम अभी !

कुछ तो तुम्हें झुकना ही पड़ेगा,
इस तरह से अडकर काम कैसे चलेगा,
इसी लिए तो अब तक तुम्हें मना रहे हैं,
शक्ति तु्म्हें अपनी नहीं दिखा रहे हैं,
विपक्ष ने है तुमको भरमाया हुआ,
गलत सा अर्थ इसका समझाया हुआ!

इनपे करके भरोसा तुम पछताओगे,
थक हार कर तुम हमारे पास ही आओगे,
इस लिए कह रहे हैं बात मान लो अभी,
रह गई है जो कमी उसे देख लेंगे बाद में कभी,
अभी तो इसे हमें लागू करना ही है,
हर अड़चनें हमें दूर करना ही है,
यह इकबाल है सरकार का जो हमें बचाना भी है,
मान भी जाओ अभी तक मनाया ही है,
हट जाओ यहां से,यह बताना ही है,
नहीं तो हटाएंगे हर हाल में, और हटाना ही है !!

Language: Hindi
2 Likes · 6 Comments · 514 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Jaikrishan Uniyal
View all
You may also like:
"आभाष"
Dr. Kishan tandon kranti
बदनसीब लाइका ( अंतरिक्ष पर भेजी जाने वाला पशु )
बदनसीब लाइका ( अंतरिक्ष पर भेजी जाने वाला पशु )
ओनिका सेतिया 'अनु '
पुष्प
पुष्प
Dhirendra Singh
मैं तेरा श्याम बन जाऊं
मैं तेरा श्याम बन जाऊं
Devesh Bharadwaj
जीवन में शॉर्ट कट 2 मिनट मैगी के जैसे होते हैं जो सिर्फ दो म
जीवन में शॉर्ट कट 2 मिनट मैगी के जैसे होते हैं जो सिर्फ दो म
Neelam Sharma
आग़ाज़
आग़ाज़
Shyam Sundar Subramanian
Tumhari khubsurat akho ne ham par kya asar kiya,
Tumhari khubsurat akho ne ham par kya asar kiya,
Sakshi Tripathi
तुम वादा करो, मैं निभाता हूँ।
तुम वादा करो, मैं निभाता हूँ।
अजहर अली (An Explorer of Life)
सत्कर्म करें
सत्कर्म करें
Sanjay ' शून्य'
"कितना कठिन प्रश्न है यह,
शेखर सिंह
ढोंगी बाबा
ढोंगी बाबा
Kanchan Khanna
2988.*पूर्णिका*
2988.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
श्रम साधिका
श्रम साधिका
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
*कभी मस्तिष्क से ज्यादा, हृदय से काम लेता हूॅं (हिंदी गजल)*
*कभी मस्तिष्क से ज्यादा, हृदय से काम लेता हूॅं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
सत्य कर्म की सीढ़ी चढ़कर,बिना किसी को कष्ट दिए जो सफलता प्रा
सत्य कर्म की सीढ़ी चढ़कर,बिना किसी को कष्ट दिए जो सफलता प्रा
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
एक और इंकलाब
एक और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
इंसान
इंसान
विजय कुमार अग्रवाल
शहीदों के लिए (कविता)
शहीदों के लिए (कविता)
दुष्यन्त 'बाबा'
■ भगवान के लिए, ख़ुदा के वास्ते।।
■ भगवान के लिए, ख़ुदा के वास्ते।।
*Author प्रणय प्रभात*
“ धार्मिक असहिष्णुता ”
“ धार्मिक असहिष्णुता ”
DrLakshman Jha Parimal
मरीचिका सी जिन्दगी,
मरीचिका सी जिन्दगी,
sushil sarna
खुद पर विश्वास करें
खुद पर विश्वास करें
Dinesh Gupta
*मूर्तिकार के अमूर्त भाव जब,
*मूर्तिकार के अमूर्त भाव जब,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
महापुरुषों की सीख
महापुरुषों की सीख
Dr. Pradeep Kumar Sharma
How to keep a relationship:
How to keep a relationship:
पूर्वार्थ
नए पुराने रूटीन के याचक
नए पुराने रूटीन के याचक
Dr MusafiR BaithA
तो जानो आयी है होली
तो जानो आयी है होली
Satish Srijan
सागर ने भी नदी को बुलाया
सागर ने भी नदी को बुलाया
Anil Mishra Prahari
वृक्ष पुकार
वृक्ष पुकार
संजय कुमार संजू
हाथ में उसके हाथ को लेना ऐसे था
हाथ में उसके हाथ को लेना ऐसे था
Shweta Soni
Loading...