Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2024 · 1 min read

किरन्दुल

किसी दौर में रियासत रह चुका
मनभावन नगरी किरन्दुल,
समृद्ध इतिहास औ’ विरासत समेटे
सुखद किरन्दुल नगरी।

लौह अयस्क खदानों की वजह से
विश्व भर में विख्यात,
जो पर्यटक देख ले एक बार अगर
वे करते अक्सर याद।

लौह अयस्क अवशेषों पर बना
कदपाल टैलिंग बांध,
सिंचाई और बिजली के हिसाब से
मानो एक हो मांद।

आयरन ओर माइंस की भी जरा
कर लीजिए सैर,
रोमांच और रहस्य से भरा हुआ
है यह कैम्पबैल।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
साहित्य और लेखन के लिए
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक।

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 23 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
विश्वपर्यावरण दिवस पर -दोहे
विश्वपर्यावरण दिवस पर -दोहे
डॉक्टर रागिनी
पंचायती राज दिवस
पंचायती राज दिवस
Bodhisatva kastooriya
मैने सूरज की किरणों को कुछ देर के लिये रोका है ।
मैने सूरज की किरणों को कुछ देर के लिये रोका है ।
Ashwini sharma
मेरी माँ
मेरी माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
.....,
.....,
शेखर सिंह
नैनीताल ही हवा ताजी नहीं जहरीली है !!!!
नैनीताल ही हवा ताजी नहीं जहरीली है !!!!
Rakshita Bora
नहीं घुटता दम अब सिगरेटों के धुएं में,
नहीं घुटता दम अब सिगरेटों के धुएं में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
Swara Kumari arya
लें दे कर इंतज़ार रह गया
लें दे कर इंतज़ार रह गया
Manoj Mahato
भुला बैठे हैं अब ,तक़दीर  के ज़ालिम थपेड़ों को,
भुला बैठे हैं अब ,तक़दीर के ज़ालिम थपेड़ों को,
Neelofar Khan
अंत में पैसा केवल
अंत में पैसा केवल
Aarti sirsat
एक खत जिंदगी के नाम
एक खत जिंदगी के नाम
पूर्वार्थ
सांकल
सांकल
Dr.Priya Soni Khare
कभी बहुत होकर भी कुछ नहीं सा लगता है,
कभी बहुत होकर भी कुछ नहीं सा लगता है,
Sunil Maheshwari
*युद्ध सभी को अपने-अपने, युग के लड़ने ही पड़ते हैं (राधेश्या
*युद्ध सभी को अपने-अपने, युग के लड़ने ही पड़ते हैं (राधेश्या
Ravi Prakash
कुछ नहीं चाहिए
कुछ नहीं चाहिए
राधेश्याम "रागी"
आंखों की भाषा
आंखों की भाषा
Mukesh Kumar Sonkar
पता नहीं ये बस्ती जाने किस दुनिया से आई है।
पता नहीं ये बस्ती जाने किस दुनिया से आई है।
*प्रणय*
ता थैया थैया थैया थैया,
ता थैया थैया थैया थैया,
Satish Srijan
ख़ौफ़ इनसे कभी नहीं खाना ,
ख़ौफ़ इनसे कभी नहीं खाना ,
Dr fauzia Naseem shad
* चांद के उस पार *
* चांद के उस पार *
surenderpal vaidya
3939.💐 *पूर्णिका* 💐
3939.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
Rj Anand Prajapati
उसे भुलाने के सभी,
उसे भुलाने के सभी,
sushil sarna
"निशान"
Dr. Kishan tandon kranti
*किस्मत में यार नहीं होता*
*किस्मत में यार नहीं होता*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
राम के नाम को यूं ही सुरमन करें
राम के नाम को यूं ही सुरमन करें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हरे हैं ज़ख़्म सारे सब्र थोड़ा और कर ले दिल
हरे हैं ज़ख़्म सारे सब्र थोड़ा और कर ले दिल
Meenakshi Masoom
Oh, what to do?
Oh, what to do?
Natasha Stephen
Loading...