किताबे है कितनी लाजवाब…
किताबे है कितनी लाजवाब…..
अक्षर अक्षर ज्ञान कराती,
साक्षरता का भान दिलाती,
भरी सभा मे मान बढ़ाती,
गुणों का गुणगान कराती,
सब कहते तुमको साहब,
जब पढ़ लेते हो चार किताब,
कभी न चूकते अपना हिसाब,
पूरे होने लगते तुम्हारे ख्वाब,
पढ़कर बन जाते हो नवाब,
किताबे है कितनी लाजवाब,
भूत भविष्य का कराती बोध,
नए नए विषयो का होता शोध,
पुस्तको में छिपा खजाना सदियों का,
अनगिनत राजवंश की गद्दियों का,
किताबे है कितनी लाजवाब,
जीवन मे बहने लगती सुख की धारा,
दूर होने लगता अज्ञान का पानी खारा,
पुस्तके है सच्ची मित्र यही एक नारा,
ज्ञान और विज्ञान से अज्ञान हमेशा हारा,
।।।जेपीएल।।।।