किताबें सच्ची दोस्त #100 शब्दों की कहानी#
विद्यालय में विद्यार्थियों को शिक्षिका द्वारा सामाजिक-विज्ञान के प्रयोग, परियोजना, उनसे संबंधित किताबें, साथ ही विख्यात लेखकों द्वारा लिखी किताबों को एकत्रित करके प्रदर्शनी आयोजित करने हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा था ।
शिक्षिका बच्चों को किताब और दोस्ती के गहरे रिश्ते के संबंध में बता रहीं थी । सफदर हाशमी साहब की कविता ‘किताबें करती हैं बातें’ बच्चों को पढ़कर सुनाई । अपने विषय के अलावा कहानी-कविताओं की किताबें भी पढ़ना चाहिए, बच्चों, ज़िंदगी में दोस्त भी कभी धोखा दे सकते हैं, लेकिन किताबें नहीं । यह खालीपन तो दूर करने के साथ-ही-साथ सामान्य-ज्ञान भी बढ़ाती है । किताबें ही सच्ची दोस्त हैं ।