Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2023 · 1 min read

किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं

किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं
अल्फाज़ से भरपूर मगर खामोश !

501 Views

You may also like these posts

क़ाफ़िया तुकांत -आर
क़ाफ़िया तुकांत -आर
Yogmaya Sharma
मेरा डर..
मेरा डर..
हिमांशु Kulshrestha
ग़ज़ल _ मुहब्बत में बहके , क़दम उठते उठते ,
ग़ज़ल _ मुहब्बत में बहके , क़दम उठते उठते ,
Neelofar Khan
*पहले घायल करता तन को, फिर मरघट ले जाता है (हिंदी गजल)*
*पहले घायल करता तन को, फिर मरघट ले जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बसा के धड़कन में प्यार तेरा पलक भी सपने सजा रही है ।
बसा के धड़कन में प्यार तेरा पलक भी सपने सजा रही है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
साँझ- सवेरे  योगी  होकर,  अलख  जगाना  पड़ता  है ।
साँझ- सवेरे योगी होकर, अलख जगाना पड़ता है ।
Ashok deep
दुनिया एक दुष्चक्र है । आप जहाँ से शुरू कर रहे हैं आप आखिर म
दुनिया एक दुष्चक्र है । आप जहाँ से शुरू कर रहे हैं आप आखिर म
पूर्वार्थ
आओ मिलकर सुनाते हैं एक दूसरे को एक दूसरे की कहानी
आओ मिलकर सुनाते हैं एक दूसरे को एक दूसरे की कहानी
Sonam Puneet Dubey
दोहा त्रयी . . . .
दोहा त्रयी . . . .
sushil sarna
"सियार"
Dr. Kishan tandon kranti
मंज़र
मंज़र
अखिलेश 'अखिल'
पापा की परी
पापा की परी
भगवती पारीक 'मनु'
मेरा हिंदी दिवस
मेरा हिंदी दिवस
Mandar Gangal
मां
मां
Phool gufran
हवा तो थी इधर नहीं आई,
हवा तो थी इधर नहीं आई,
Manoj Mahato
*सरस्वती वंदना*
*सरस्वती वंदना*
Shashank Mishra
* जब लक्ष्य पर *
* जब लक्ष्य पर *
surenderpal vaidya
तस्वीर
तस्वीर
Rambali Mishra
माँ
माँ
Amrita Shukla
अपने वही तराने
अपने वही तराने
Suryakant Dwivedi
कुछ पल तेरे संग
कुछ पल तेरे संग
सुशील भारती
भगण के सवैये (चुनाव चक्कर )
भगण के सवैये (चुनाव चक्कर )
guru saxena
कान्हा को समर्पित गीतिका
कान्हा को समर्पित गीतिका "मोर पखा सर पर सजे"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*प्रणय*
നീപോയതിൽ-
നീപോയതിൽ-
Heera S
किसी सिरहाने में सिमट जाएगी यादें तेरी,
किसी सिरहाने में सिमट जाएगी यादें तेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बे-ख़ुद
बे-ख़ुद
Shyam Sundar Subramanian
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
shabina. Naaz
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
Rj Anand Prajapati
तन पर हल्की  सी धुल लग जाए,
तन पर हल्की सी धुल लग जाए,
Shutisha Rajput
Loading...