काश ये मदर्स डे रोज आए ..
साल भर तो माता को संतान ,
आखें दिखाए ,
कोई उपदेश ,कोई शिक्षा उसकी ,
तुमको रास न आए ।
उसकी हर बात पर उसका बेबाकी से
मजाक उड़ाए ।
उसकी जरूरतों और भावनाओं को ,
अक्सर अनदेखा कर जाए,
और एक दिन महज देखावे के लिए ,
माता के संग मदर्स डे मनाए।
उस दिन जी भरके महंगे महंगे तोहफे ,
दिलवाए और होटल में लजीज भोजन करवाएं।
माता के मन में फिर ठंडी आह भरकर यह
यह ख्याल आए।
मां तो हर पल अपनी संतान को प्यार और आशीष
लुटाए ।
हर सांस में उनके लिए भगवान से दुआ मांगे ।
फिर संतान क्यों न हर पल , हर रोज ,
माता को सम्मान और प्यार ना दे पाए।
आधुनिकता का यह नया ढंग ,
मेरी समझ में तो न आएं।
काश ! यह मदर्स डे रोज आए।