काव्य
जब जहाँ में हर तरफ बस
दर्द का आवास हो ,
या कि कितना हो प्रखर पर,
दर्द का बनवास हो,
दर्द और उल्लास जब ,
एक से दिखने लगें,
तब समझ लो हम यहाँ पर
काव्य कुछ लिखने लगे ॥
@ नील पदम्
जब जहाँ में हर तरफ बस
दर्द का आवास हो ,
या कि कितना हो प्रखर पर,
दर्द का बनवास हो,
दर्द और उल्लास जब ,
एक से दिखने लगें,
तब समझ लो हम यहाँ पर
काव्य कुछ लिखने लगे ॥
@ नील पदम्