Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2022 · 1 min read

कालजयी साहित्यकार जयशंकर प्रसाद जी (133 वां जन्मदिन)

गद्य-पद्य हर रूप में, पाया है सम्मान
जयशंकर साहित्य है, हिन्दी को वरदान

जयशंकर प्रसाद जी का भारतवर्ष की पावन धरा पर अवतरण 30 जनवरी 1890 ई. को अर्थात माघ शुक्ल दशमी, संवत्‌ १९४६ वि॰ को काशी के गोवर्धनसराय में हुआ। हिंदी का दुर्भाग्य अल्पायु में ही निर्वाण 15 नवंबर 1937 ई. को मात्र 47 वर्ष की अवस्था में हुआ। आप हिन्दी भाषा को समृद्ध करने वाले कालजयी कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार और निबन्धकार थे।

प्रसाद जी का नाम हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में बड़े सम्मान से लिया जाता है। आपने ही हिन्दी पद्य में छायावाद की स्थापना की। आपके काव्य कौशल में न केवल कमनीय माधुर्य की रससिद्ध की अविरल धारा प्रवाहमान हुई, अपितु जीवन के बहुआयामों (श्रेष्ट, सूक्ष्म व व्यापक) चित्रण शक्ति प्रवाहित हुई और महाकाव्य “कामायनी” तक पहुँचकर वह आज तक काव्य प्रेरक शक्तिकुञ्ज काव्य के रूप में प्रतिष्ठित है। यदि इसे समय रहते सही से प्रचारित व प्रसारित किया गया होता तो आपको नोवल पुरस्कार भी प्राप्त होता। हिन्दी में बाद के उभरे सभी आन्दोलन, वाद अथवा प्रगतिशील एवं नयी कविता समस्त धाराओं के आलोचकों तथा कवियों ने “कामायनी” को हिन्दी का एक महत्वपूर्ण काव्य ग्रन्थ माना। इसी से ‘खड़ीबोली’ हिन्दी काव्य के रूप में सहर्ष स्वीकृत की गयी। आप की जयन्ती आपको शत शत नमन।

•••

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 1208 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
पश्चिम का सूरज
पश्चिम का सूरज
डॉ० रोहित कौशिक
बारिश
बारिश
Mr.Aksharjeet
फितरत
फितरत
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
विश्व कप
विश्व कप
Pratibha Pandey
#आज_का_मुक्तक
#आज_का_मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
*हिन्दी बिषय- घटना*
*हिन्दी बिषय- घटना*
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बुलन्द होंसला रखने वाले लोग, कभी डरा नहीं करते
बुलन्द होंसला रखने वाले लोग, कभी डरा नहीं करते
The_dk_poetry
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
परे नाम रूप आकारा, कण कण सृष्टि में विस्तारा
परे नाम रूप आकारा, कण कण सृष्टि में विस्तारा
Dr.Pratibha Prakash
* शुभ परिवर्तन *
* शुभ परिवर्तन *
surenderpal vaidya
कुएं का मेंढ़क
कुएं का मेंढ़क
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
कभी
कभी
हिमांशु Kulshrestha
2444.पूर्णिका
2444.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
इतनी भी तकलीफ ना दो हमें ....
इतनी भी तकलीफ ना दो हमें ....
Umender kumar
"दादाजी"
Dr. Kishan tandon kranti
Maine apne samaj me aurto ko tutate dekha hai,
Maine apne samaj me aurto ko tutate dekha hai,
Sakshi Tripathi
सफर दर-ए-यार का,दुश्वार था बहुत।
सफर दर-ए-यार का,दुश्वार था बहुत।
पूर्वार्थ
मेला एक आस दिलों🫀का🏇👭
मेला एक आस दिलों🫀का🏇👭
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हाँ, मेरा यह खत
हाँ, मेरा यह खत
gurudeenverma198
दिल तमन्ना कोई
दिल तमन्ना कोई
Dr fauzia Naseem shad
घर से बेघर
घर से बेघर
Punam Pande
कुंडलिनी छंद
कुंडलिनी छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
लगन की पतोहू / MUSAFIR BAITHA
लगन की पतोहू / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
In case you are more interested
In case you are more interested
Dhriti Mishra
सपनो में देखूं तुम्हें तो
सपनो में देखूं तुम्हें तो
Aditya Prakash
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
क्रांति की बात ही ना करो
क्रांति की बात ही ना करो
Rohit yadav
तुम मत खुरेचना प्यार में ,पत्थरों और वृक्षों के सीने
तुम मत खुरेचना प्यार में ,पत्थरों और वृक्षों के सीने
श्याम सिंह बिष्ट
I have recognized myself by understanding the values of the constitution. – Desert Fellow Rakesh Yadav
I have recognized myself by understanding the values of the constitution. – Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
ऐ सावन अब आ जाना
ऐ सावन अब आ जाना
Saraswati Bajpai
Loading...