कारण
कारण
कभी कभी न जाने क्यूँ
अचानक उदास हो जाती हूँ मैं ।
सोचती हूँ क्या कारण है ?
पर, ये कारण खुद अदृश्य हो
मेरे ही इर्द गिर्द मँडराता रहता है ।
दिल चाहता है कभी
स्वयं अदृश्य हो इसे पकड़
पूछूं क्यों परेशान करता है
इस नन्ही जान को ?
पर एक दिन जो मुलाक़ात हुई
तो महसूस हुआ कि
बेचारा कारण तो निर्दोष है
क्यों कि ये कारण खुद अकारण है।