#कामयाबी
#नमन मंच
#विषय कामयाबी
#शीर्षक बढ़ाते चलो कदम को
#दिनांक १०/०९/२०२४
करते-करते क्या नहीं कर सकता इंसान
धरती तो क्या नाप लिया इसने आसमान !
गिरने की गिनती को जो गिनता नहीं
असल में मंजिल को पाता है वही !
कामयाबी को पाना लक्ष्य है सभी का
मंत्र सफलता का डर के आगे है जीत !
हार के डर का दुख न जीत की तमन्ना
संयम और धैर्य ही योग्यता का पैमाना !
रास्ता सही इरादे भी नेक फिर शक क्यों
बढ़ाते चलो कदम को मंजिल की तरफ !
स्वरचित मौलिक रचना
राधेश्याम खटीक
भीलवाड़ा राजस्थान