Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2021 · 1 min read

कामद कंचन काया

*** कामद कंचन काया***
**********************

कामुक कामद कंचन काया,
सुंदर सलिला साहिल साया।

मंजुल मोहक मोहिनी मूरत,
सुखद स्वप्न संजोती सूरत।

अर्ध अधर अधरस अपनाता,
निर्मल निश्चल निर्झर नाता।

किंचित काले केश कंचनिया,
केसर कल्क कचूर केसरिया।

मनसीरत मन मुग्धा में मुग्ध,
सहचरी सरस सहज सी सुध।
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
567 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
..
..
*प्रणय प्रभात*
*जीवन का आनन्द*
*जीवन का आनन्द*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गम के बगैर
गम के बगैर
Swami Ganganiya
शिछा-दोष
शिछा-दोष
Bodhisatva kastooriya
मुक्तक...
मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
सनातन की रक्षा
सनातन की रक्षा
Mahesh Ojha
*इस कदर छाये जहन मे नींद आती ही नहीं*
*इस कदर छाये जहन मे नींद आती ही नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
राजनीति में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या मूर्खता है
राजनीति में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या मूर्खता है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
Rekha khichi
ईश्वर से ...
ईश्वर से ...
Sangeeta Beniwal
हमारी दुआ है , आगामी नववर्ष में आपके लिए ..
हमारी दुआ है , आगामी नववर्ष में आपके लिए ..
Vivek Mishra
पाँच सितारा, डूबा तारा
पाँच सितारा, डूबा तारा
Manju Singh
*सत्य की खोज*
*सत्य की खोज*
Dr Shweta sood
नंबर पुराना चल रहा है नई ग़ज़ल Vinit Singh Shayar
नंबर पुराना चल रहा है नई ग़ज़ल Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
2864.*पूर्णिका*
2864.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
थोड़ा सच बोलके देखो,हाँ, ज़रा सच बोलके देखो,
थोड़ा सच बोलके देखो,हाँ, ज़रा सच बोलके देखो,
पूर्वार्थ
बंदर मामा
बंदर मामा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,
मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,
goutam shaw
जोशीला
जोशीला
RAKESH RAKESH
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
Sunil Suman
आईना देख
आईना देख
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
अवसर
अवसर
संजय कुमार संजू
रुकना हमारा काम नहीं...
रुकना हमारा काम नहीं...
AMRESH KUMAR VERMA
*भाषा संयत ही रहे, चाहे जो हों भाव (कुंडलिया)*
*भाषा संयत ही रहे, चाहे जो हों भाव (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तुम्हारी याद आती है मुझे दिन रात आती है
तुम्हारी याद आती है मुझे दिन रात आती है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
शेखर सिंह
दूब घास गणपति
दूब घास गणपति
Neelam Sharma
यही तो जिंदगी का सच है
यही तो जिंदगी का सच है
gurudeenverma198
उसको फिर उससा
उसको फिर उससा
Dr fauzia Naseem shad
Loading...