कान का कच्चा
कान का कच्चा ठीक नहीं
ओ सुन लो मेरे प्यारे,
आसमान से कोई ला नहीं सकते
तोड़ के चाँद-सितारे।
कहने वाले तो कह जाते हैं
कई उल्टी-पुल्टी बातें,
सुनो समझो विवेक जगाओ
मानव होने के नाते।
प्रकाशित कृति : पंखों वाला घोड़ा
बाल कविता संग्रह से चन्द पंक्तियाँ,,,
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति